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________________ - - - P . . " . ... . . . :..::. LAMA ARoman . . --- .. . J जैन-गौरव रमतियों ... ★श्री भीकमचन्दजी देशलहरा, बुलडाना जन्म दिसम्बर सन् १९१७ । पिता श्री लादूरामजी देशलहरा । अध्ययन काल से ही आप महात्मा गाँधी के सिद्धान्तों के अनुयायी हो चुके थे अत- एफ. ए. करने के बाद कांग्रेस की कर्मठता के साथ सेवा करने लग गए। .. वर्तमान में आप कई जनहित कार्यों के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होकर जनता जनार्दन की सेवा कर रहे हैं । यथा "वाइस प्रेसिडेट म्युनिसिपल कमेटी ... मेम्बर बुलडाना जेल चोर्ड कमेटी, मेम्बर बुलडाना गव्हर्मेण्ट डिस्पेन्सरी ___ कमेटी "मैनेजिङ्ग ट्रस्टी गाँधी भवन बुलडाना" जैनमहामण्डल बुलडाना शाश्या - के मन्त्री, प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी के. सदस्य एवं अखिल भा० गांधी स्मारक निधि बुलडाना के अध्यक्ष रह चुके हैं जयपुर अधिवेशन में आप डेलीगेट के रुप में उपस्थित थे । इस प्रकार से देशलहराजी का जीवन जन सेवा कार्यों में संलग्न रहता है । आप श्रेष्ठ वक्ता, लेखक एवं जन सेवक है। आपके विजयकुमारजी नामक पुत्र एवं सरोज कुमारी नामक एक पुत्री है जो अध्ययन कर रहे हैं। "लादूराम भीकमचन्द देशलहरां" . नामक फर्म से सोना, चाँदी तथा कपडा का व्यापार एवं खेतीहोती है । “यूनिवर्सल मेडिकल स्टोर्स" नामक फर्म से औषधियों का व्यवसाय होता है। . . ★सेठ केशरीमलजी गुगलिया, धामकः इस परिवार का मूलनिवास स्थान बलूदा (जोधपुर ) है । यहा सेठ गम्भीरमल के साथ उनके पुत्र बख्तावरमलजी भी साथ ही आये । आप दोनों पिता पुत्रों ने व्यापार में सम्पति पैदा कर सम्मान तथा प्रतिष्ठा की वृद्धि की। सेठ वनावरमलजी बरार प्रांत के गण मान्य ओसवाल सज्जनों में से थे। आपकी धर्मपत्नी ने वलू दे में श्वेताम्बर जैन मन्दिर बनवाकर उसकी व्यवस्था वहाँ के जैन समाज के जिम्मे की । आपके नाम पर रिखवचन्द्रजी अजितगढ़ (अजमेर ) से दत्तक आये । इनका भी अल्पवय में स्वर्गवास हो गया अंतः इनके नाम पर धामक से केशरीचन्दजी गुगलिया दत्तक आये ।. केशरीचन्दजी गुगलियाः-आपका जन्म सं० १९४७ में हुआ। आप उदार JAHANISAnd
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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