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________________ जन-गौरव-स्मृतियां श्री किशनसिंहजी चौधरी, देवास आपकी अवस्था ६३ वर्ष की है परन्तु युवकों के समान उत्साह विद्यमान है । संस्कृत, प्राकृत,. मराठी, हिन्दी, गुजराती एवं अंग्रेजी के आप ज्ञाता हैं। आपके द्वारा सम्पादित "अर्धमागधी । कोष" बहुत प्रसिद्ध है। जैनधर्म के विषय में । आपका अध्ययन बहुत गहरा है । सार्वजनिक कोर्य में आप आगे रहते हैं। सन् १६०६ से ही . आप कॉग्रेस मेम्बर रहते आए हैं। आपने अपनी ... पोरवाल जाति की कुरीतियों को दूर करने . में अनेक प्रयत्न किये हैं। सुप्रसिद्ध लेखक श्री लक्ष्मणसिंहजो आपही के लघुभ्राता है। अपने बड़े . परिश्रम से "पोरवाड़ जाति का इतिहास" लिखा है। . * सेठ सागरमलजी नथमलजी लूकड़-जलगांव धर्म परायण श्री सेठ सुगालचन्द के सुपुत्र सागरमलजी का जन्म सं १९४१ में खेजड़ली ( मारवाड़ ) ग्राम में हुआ। साधारण शिक्षा होने पर भी ..." " '+ imrity. OR . ..... . १४.VM स्व० सेठ सागरमलजी लूकड़ः . . . . . सेठ नथमलजी लूकड़ .. . . : .
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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