SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 641
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन-गौरव-स्मृतियाँ ७६१ .. . महत्व पूर्ण भाग लिया है। राज्य प्रजामंडल के आप प्रमुख कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं। प्रांतीय प्रजामण्डल के आप वर्षों तक सभापति रहे हैं। जिले के प्रमुख व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं में आपका नाम है-- twimwearosamrAmyremit - P -: . . . * मेसर्स सीताराम गोधाजी-रतलामः-- सं ०१६१४ मेंसेठ गोधाजी ने इस दुकान की स्थापना की । रतलाम स्टेट के बहुत से गांव इस दुकान की मनोता में ( सरकारी मालगुजारी की भुगतान ) रहे । जिससे इस दुकान की विशेष उन्नति हुई । सेठ गोधाजी का सं० १९७६ में देहावसान हुआ आप व्यवहार दक्ष एवं परिश्रमी सज्जन थे। वर्तमान में इस दुकान के मालिक ... सेठ नेमीचन्दजी हैं। आप धर्मनिस्ठ मिलनसार हंसमुख एवं उदार दिल सज्जन हैं । आप स्थानकवासी महानुभाव हैं। मेसर्स सीताराम गोधाजी-धानमंडी- :फर्म पर गल्ल तथा रुई की आढ़त और हुंडि चिट्ठी व्यवसाय होता है। * श्री सेठ हीरालालजी नांदेचा-स्खाचरोद ( मालवा) स्वाध्याय की ओर तो आपकी इतनी अभिरूचि है कि अपने यहां एक व्यक्तिगत पुस्तकालय संग्रहीत कर रक्खा है । इससे स्थानीय जनता वे रोक टोक लाभ उठा सकती है। आपने अपने दादाजी के स्मारक स्वरूप एक जैन पाठशाला स्थापित कर रक्खी है । इसके साथ २ आप समय पर सार्वजनिक संस्थाओं . को भी बड़ी सहायता देते रहते हैं। भारत वर्षीय स्थानकवासी जैन समाज में और मुख्य रूप से पूज्य श्री जवाहरलालजी महाराज सहाव के अनुयाइयों में आगेवान है। वर्तमान में आप श्री उज्य हक्मचन्दजी महाराज साहब के सम्प्रदाय का जैन हितेच्छु श्रावक मण्डल रतलाम के कई वर्षों से सभापति हैं। इसी प्रकार और भी धार्मिक जनहित संस्थाओं के आप प्रमुख कार्यकर्ता एवं सहायक हैं। वर्तमान में प्रापंके यहां "लालचन्द स्वरूपचन्द" के नाम से खाचरोद में और मुल्यान में "ॐकारजी लालचन्दजी के नाम से बैकिंग एवं आसामी लेनदेन __ का कार्य होता है। . १ .
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy