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________________ ६७६ जैन-गौरव-स्मृतियाँ. ★ सेठ चांदमलजी मेहता, मंदसौर मन्दसौर में करजूवाले सेठ के नाम से सुप्रसिद्ध श्रीमंत फर्म 'सेठ फत्ताजी तिलोकचन्दजी" अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। वर्तमान में आप ही इस फर्म : के तथा परिवार के प्रमुख हैं। यह परिवार श्रीमन्ताई के साथ साथ मन्दसौर का एक सन्माननीय परिवार है । धार्मिक व सामाजिक कार्यों में वड़ा आर्थिक सहयोग : देता रहता है । मालवा भर में उदार चेता व गंभीरविचारक के नाते आपकी बड़ी प्रतिष्ठा है । करजू ग्राम आपका मूल निवास स्थान है। करजू में आपकी ओर से... एक पाठशाला वर्षों से चल रहा है । एक दूस्ट भी कायम है जिसमें से पाठशाला . संचालन के अलावा अनाथ विधवाओं और छात्रों को सहायता दी जाती है। .. . मन्दसौर में 'फत्ताजी तिलोकचन्दजी' के नाम से साहूकारी लेन देन व. वैकिंग का काम काज होता है। ★ सेठ शिवलालजी चिमनलालजी नाहटा रामपुरा .. सेठ शिवलालजी ने लगभग १७५ वर्ष पूर्व इस फर्म की स्थापना की। आप . के पश्चात् आपके भाई सेठ चिमनलालजी ने फर्स के कार्य को संभाला। आपके . प्रपौत्र श्री सेठ छगनलालजी उदार हृदय, परोपकारी दानी सज्जन थे । वर्तमान में। फर्म के मालिक आपके सुपुत्र मानसिंहजी एवं वीरेन्द्रसिंहजी हैं। श्री मानसिंहजी. समाज के आगेवान, धार्मिक अभिरूचि वाले होनहार उत्साही युवक हैं और राम पुरा नगर कांग्रेस के अध्यक्ष हैं । आपने यहाँ एक ऑइल मिल भी खोला है, श्री वीरेन्द्रसिंहजी होल्कर कॉलेज इन्दौर में विद्या अध्ययन कर रहे हैं। * श्री बाबूलालजी चौधरी-गरोठ .. :: ___ जन्म सं० १६५६ । मैट्रिक पास करके · इन्दौर स्टेट की वकालात पास कर व्यवसाय में जुट गये एवं अच्छी सफलता आज कल आप गरोठ में वकालात करते हैं। आप प्रगतिशील उन्नत विचारों के महानुभाव हैं। ____ आपके बड़े पुत्र प्रकाश चन्द्रजी ___ चौधरी ने वी. एस. सी. करके बम्बई से फोटो ग्राफर की शिक्षा प्राप्त की। छोटे पुत्र नेमीचन्द्रजी वी. एस. सी. होकर रेडियो इजिनियरिङ्ग व वायरलेस । टेली ग्राफी की ट्रेनिंग प्रप्ता कर रहे हैं। । राष्ट्र सेवा के क्षेत्र में भी आपने -
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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