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________________ जैन-गौरव स्मृतियाँ फर्म पर ऊन, कोटनजी एवं जीरे का व्यवसाय होता है इसके अतिरिक्त फर्म कमीशन एजेण्ट का काम भी करती है । *श्री ताराचन्द्रजी तांतेड़-केकड़ी (अजमेर) - - श्री सेठ भूरालालजी तातेड़ के सुपुत्र श्री ताराचन्दजी तातेड़ २४ वर्षीय नवयुवक हैं। छोटी अवस्था में ही आपने व्यवसायिक कार्यों में अच्छी निपुणता प्राप्त करली । व्यवसायिक कार्यों में लगे रहने पर भी आप राजनैतिक कार्यों में सक्रिय सहयोग देते हैं । स्थानीय हिन्दु महासभा को अपसे बड़ी मदद है। धर्मचन्दजी नामक पुन्न हैं । जो अभी शिशु ही हैं आपके लघु भ्राता उमरावमलजी १८ वर्ष, सरदारमलजी १६ वर्ष, एवं सज्जनमलजी १३ वर्षीय है । ताराचन्द एण्ड की 'नामक आपकी फर्म पर कपडे का व्यापार होता है । फर्म की शाखायें दौलतराम कीरतमल एवं भूरालाल सरदारमल के नाम से केकड़ी में भी है । 'सरदारमल सज्जनमल' * के नाम से कड़का चौक अजमेर में भी फर्म है। इसके अतिरिक्त भीलवाड़ा मिल में ___ भी शेयर है । इस प्रकार से श्रापका व्यवसाय उन्नति पर है। *श्री सेठ : कन्हैयालालजी भटेवड़ा विजयनगर (अजमेर) श्री सुवालालजी के सुपुत्र श्री कन्हैयालालजी एक आदर्श समाज सुधारक एवं धर्म प्रेमी सज्जन हैं। सामाजिक धार्मिक, राष्ट्रीय तथा परोपकार के कार्यों में आप उत्साह के साथ भाग लेते रहते हैं। गांधी विद्यालय गुलाबपुरा के दो श्राप प्राण हैं। आपही की कार्य निष्ठा एवं अनवरत सेवा से संस्था , श्रादर्श कार्य कर रही है । स्था'नीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं । "सुवालाल कन्हैयालाल" फर्म पर कपास गल्ला एवं आढ़त का काम होता है। . . - *."
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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