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________________ 33ST ANS ANSAR जैन-गौरव-स्मृतियाँ ★ सेठ प्रतापमलजी - मोहनलालेगी गोलेछा, बाड़मेर वयोवृद्ध सेठ प्रतापमलजी आदर्श जैनसज्जन हैं । ७२ वर्ष की अवस्था होने पर भी धार्मिक कार्यों में उत्साह पूर्वक भाग लेते हैं। अपने बन्धु श्री सेठ गणेशमलजी के सुपुत्र श्री मोहनलालजी को आपने गोद लिया। - -श्री मोहनलालजी मिलन सार - उदारचेता और सरल स्वभावी सज्जन हैं । फर्म पर "प्रतापमल मोहनलाल" के नाम से कमीशन एजेण्ट का काम होता है। - सेठ मूलचन्दजी छजमलजी सादड़ी, मारवाड़ हटूडिया राठौड़ गौत्रीय सेठ छजमलजी के पुत्र सेठ मूलचंदजी गोड़वाड़ प्रान्तीय जैनसमाज के एक प्रमुख आगेवान कार्यकर्ता है । इस प्रान्त में आपकी बड़ी प्रतिष्टा है । गोड़वाड़ ओसवाल । महासभा तथा वरकाणा पार्श्वनाथ जैन हॉईस्कूल के आप सभापति है । इस ... हॉईस्कूल के लिये आपने २० हजार रुपया । प्रदान किया इसी तरह सादड़ी जैन विद्यालय को भी आपने एक वहत बड़ी धन राशी दान में दी है । आपही के...' प्रयत्न से सादड़ी में एक जनाना अस्पताल बन रहा है। इस समय आपकी, उम्र करीब.८० वर्ष है । पर हर जातीय ... काम में उत्साह पूर्वक अग्रणी भाग लेते हैं। आपके श्री सागरमलजी नामक एक पुत्र है। श्री सागरमलजी के विमल चन्दजी नामक ३० वर्षीय पुत्र है। 'मूलचन्द विमलचन्द' के नामसे
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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