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________________ ' ", E F A ... . .' . C :: - - t.cl । -15 INNER *सेठ फूसराज जी वच्छावत, बीकानेर आप बीकानेर के एक प्रतिष्ठित सज्जन एवं स्थानकवासी जैन समाज के आगेवानों में माने जाते हैं । जन्म सं० १६५५ आसोज मास । पिना श्री सेठ जेठमलजी सा। आप एक कुशल व्यवसायी होने के साथ २ शिक्षा धार्मिक व सामाजिक कार्यों में विशेष दिल चस्पी से सक्रिय सहयोगी रहते हैं । 'सूरजमल सम्पतराज' के नाम से कलकत्ता में ३२ क्रोस स्ट्रीट तथा ११३ मनोहरदास चौक में दो फ हैं जिनपर कपड़े का व्यवसाय होता है । ४ पुत्र है :- सूरजमलजी, सम्पतराजजी, हीरालालजी व माणकचंदजी, ४ पुत्रियां है। जैनाचार्य पूज्य जवाहरलालजी म० के मोरची व्याख्यान तथा सती अंजना पुस्तक आपने अपनी ओर से छपवाकर वितरण करवाई है और भी सत् साहित्य प्रकाशित कराया है। *सठ लाभचन्दजी ज्ञानचन्दजी कोचर, बीकानर . .. .." ZEESoaminimaliticialist 3 - मटानचंद जी कोचर, बीकानेर नुमति नंदनी कोपर बीस
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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