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________________ . जन-गौरव-स्मृतियां - _* सेठ हजारीमलजी मंगलचन्दजी मालू, बीकानेर . . . . आपके परिवार में सेठ हजारीमलजी एक धर्मनिष्ठ सज्जन हुए हैं । आपके । २ पुत्र हुए-श्री लाभचन्दजी तथा मंगलचन्दजी । श्री मंगलचन्दजी का जन्म सं० : १६५६ चैत्र शुक्ला १ का है । आप एक सुविचार वान, शिक्षा प्रेमी. एवं साहित्य : प्रेमी सज्जन हैं जैनशास्त्रों के अध्ययन एवं अनुशीलन में आपकी विशेष रुचि एवं जानकारी है : आपके यहाँ अच्छा साहित्य संग्रहालय भी है। आपने "विमल ज्ञान । प्रकाश" नाम सं एक आध्यात्मिक सुन्दर सामग्री युक्त पुस्तक का सम्पादन व प्रकाशन किया है। अन्य कई सुन्दर साहित्य प्रकाशन के काम भी किये हैं। .. आप बीकानेर जैन समाज में प्रतिष्ठित सज्जन माने जाते हैं । आपके २.. पुत्र-सुन्दरलालजी व माणकलालजी आपका हजारीमल मंगलचन्द के नाम से कलकत्ता में नं०४ राजावुड माउण्ट स्ट्रीट पर जूट और साहूकारी. लेन देन का . व्यवसाय बड़े पैमाने पर होता है। . ★सेठ नथमलजी ताराचन्दजी बोथरा, बीकानेर यह परिवार यहां के प्रतिष्ठित परिवारों में से है। सेठ सवाईमलजी के । ७ पुत्रों में से एक सेठ छोगमलजी के ३ पुत्र हुए। जिनमें से सेठ श्रीचंदजी के पुत्र सेठ नथमलजी हैं। सेठ. नथमलजी बीकानेर के एक प्रतिष्ठित श्रीमंत गिने जाते हैं। ४२ वर्ष की उम्र से ही समस्त सांसरिक बन्धनों को छोड़ कर सजोड़े आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत अंगीकार कर एक आदर्श श्रावक का जीवन व्यतीत कर ' रहे हैं । आप तेरहपंथी जैन समाज के एक आगवान श्रावक हैं । आपकी धर्मपत्नी भी बड़ी धर्मनिष्ठ थीं। अन्त समय निकट समझ कर संथारा धारण किया जो दो दिन रहा । अपने हाथों से ही करीब २५ हजार का दान पुण्य किया। . सेठ नथमलजी के २ पुत्र हैं-श्री तारा. न चन्दजी तथा श्री केशरीचन्दजी। दोनों ही सुचरित्रवान और धर्मप्रेमी हैं। समाज में : . अच्छी प्रतिष्ठाहै। सराफा बाजार में 'नथमल ताराचन्द बोथरा' के नाम से सोने . . चांदी की बीकानेर की सब से बड़ी दुकान है । जवाहरात का भी व्यापार होता है। ..... m om.hd . . . .... EX.KARO + 7... - - -
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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