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________________ जैनगौरव-स्मृतियाँ के प्रमुखतम व्यापारियों की कोटि में जा पहुँचे । सन् १९१० में कुछ जीनिंग फैक्टरीज आपके अधिकार में आई और आपने कार्य को द्रुतगति से बढ़ाया । पहले आपने इन्दौर राज्य का स्टेटमिल २० वर्ष के ठेके पर ले , लिया, अवधि पूरी होने पर सन १६३६ में आपने उसे खरीद लिया और "रायबहादुर कन्हैयालाल भण्डारी मिल" के नाम से प्रचारित किया । आपने तीस लाख की पूजी से "नन्दलाल भण्डारी मिल्स" के नाम से एक और मिल्स की स्थापना की एवं दिन प्रतिदिन प्रगति और वृद्धि होती गई। सन् १६३५ में आपको भारत सरकार ने "रायबहादुर" की पदवी • से सम्मानित किया । होल्कर राज्य ने आपको "राज्य भूपण" पद प्रदान किया। उदयपुर से "राज्यवन्धु" की उपाधी से अलंकृत हुए और जोधपुर रियासत ने आपको स्वर्ण लंगर, ताजीम, हाथी और सिरोपाव से सम्मानित किया है। इस प्रकार से आप एक राज्य प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। - आपने गुप्तदान व प्रकटदान के रूप में विपुल धनराशी सर्व साधारण के लिए दी। ६५०००) की लागत का "नन्दलाल भएडारी मिल्स प्रसूति गृह" के नाम से विशाल प्रसूति गृह बनवाया। इसका व्यय ३४०००) प्रतिवर्ष है । "नन्द लाल भण्डारी हाई स्कूल" की स्थापना की और ६५०००) रुपया मूल्य का विशाल भवन बनवाकर प्रदान किया। इसके संचालन के हेतु २४०००) प्रतिवर्ष व्यय करते हैं । स्कूल की विशेषता यह है कि शिक्षा के साथ व्यवहारिक और औद्योगिक शिक्षा का भी समुचित प्रबन्ध है । मेडिकलरफूल को लेबोरेटरी एवं शस्त्रों के निमित्त २५०००) की स्तुत्य भेट की । रामपुरा के "संयोगिता बाई हाई स्कूल" के लिए ३५०००) का विशाल "वसति गृह बनवाया" एवं प्रति वर्ष ३०००) इस पर खर्च करते हैं। इसके अतिरिक्त और की कई जातीय और धार्मिक संस्थाओं को हजारों का दान दिया है और देते रहते हैं । श्राप प्रति वर्ष ५० हजार रु० से भी अधिक रकम सार्वजनिक कार्यो में व्यय करते हैं। स्थानीय तथा बाहर के सार्वजनिक कार्यों में भी आप उत्साह पूर्वक भाग लेते हैं। श्रापके स्वभाव में माधुर्य विनय तथा उदारता का उदनुन सम्मिश्रण - होने के कारण ही प्याप थाप अत्यन्त लोकप्रिय है । लमी की असीम कृपा होने पर भी अहंकार से आप कोसों दूर है।
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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