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________________ * जैन गौरव-स्मृतियाँ **的产学 合 作令为长沙分中化 का सामर्थ्य बहुत प्रबल था । दरबार को वे ही वे दीखते थे। रियासत में एक समय इनका प्राबल्य था ।" इस प्रकार जोधपुर का आद्योपान्त इतिहास जैन वीर दीवानों और सेनापतियों के मातृभूमि प्रेम और वीरता भरी गाथाओं से भरा पड़ा है। बीकानेर के इतिहास के जैनवीर बीकानेर का इतिहास भी ओसवाल जैन महापुरुषों की गौरव गाथाओं . से भरा पड़ा है। जोधपुर की तरह बीकानेर राज्य निर्माण और विकासक्रम में पद पद पर जैनों का हाथ पाते हैं । जोधपुर संस्थापक राव जोधाजी के बड़े पुत्र राव बीकाजी राज्य विस्तार की अभिलाषा से अपने साथ बच्छराज जी नामक एक ओसवाल मुत्सद्दी को सलाहकार के रूप में लेकर सेनासहित मण्डोर से उत्तर की ओर आगे बड़े । अपूर्व भुजवल से वे निरन्तर विजय पाते रहे और सन् १४८८ को उन्होंने बीकानेर की नींव डाली.। बच्छराजजी को उन्होंने मंत्री बनाया। राव बीकाजी को बीकानेर बसाने में श्री बच्छराज जी ने बड़ी भारी सहायता दी थी। मंत्री बच्छराजजी कुशल राजनीतिज्ञ और महान वीर थे । राव बीकाजी ने अपने इस परम सहायक की स्मृति में • "बच्छासार" नामक गाँव भी बसाया । मंत्रीश्वर बच्छरान जी के वाद करमसिंहजी और नगराजजी बच्छावत मंत्री बने । जिस समय बीकानेर की राज्यगादी पर महाराजा जेतसिंहजी थे, तब जोधपुर के राजा मालदेव ने बीकानेर पर चढ़ाई की और अपना अधिकार कर लिया । उस समय मंत्रीश्वर नगराजजी ने बड़ी बुद्धिमानी से मुगलसम्राट् शेरशाह की मदद से पुनः बीकानेर का राज्य जेतसिंहजी के पुत्र महाराजा कल्याणसिंहजी को दिलाया.। इस प्रकार ओसवाल जैनमंत्री के. सहयोग से बीकानेर का खोया हुआ राज्य पुनः प्राप्त हुआ। ... .:. महाराव लखनसी वैदः '. बच्छावतों के बाद बीकानेर की दीवानगिरी ओसवाल वैद वंश के मुत्सदियों के हाथ में रही। बीकानेर बसाने के समय बच्छावतों के साथ लखनसी वैद की भी बड़ी मदद रही है । कहते हैं कि वीकानेर के २७ मोहल्लों में से १४ मोहल्ले आपके द्वारा बसाये हुए हैं । गव लखनसी की कई पीढ़ियों तक दीवानगिरी इसी वैदवंश के हाथ में रही और इनमें कई नामानित Short व्यक्ति kakakakakikikiks (३७५ ): Kikokokokkkote
SR No.010499
Book TitleJain Gaurav Smrutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain, Basantilal Nalvaya
PublisherJain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year1951
Total Pages775
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size44 MB
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