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________________ ४ पड्जीवनिका ( गद्य विभाग ) २१ श्रमण जीवन की भूमिका में प्रवेश करने वाले साधन की योग्यता कैसी और कितनी होनी चाहिये ! श्रमण जीवन की प्रतिज्ञा के कठिन मतों का संपूर्ण वर्णन - उन्हें प्रसन्नता पूर्वक पालने के लिये जागृत वीर साधक की प्रबल अभिलापा | ( पद्य विभाग ) काम करने पर भी पापकर्म का बंध न होने के सरल मार्ग का निर्देश - अहिंसा एवं संयम में विवेक की आवश्यकता ज्ञान से लेकर मुक्त होने तक की समस्त भूमिकाओं का क्रमपूर्वक विस्तृत वर्णन - कौनसा साधक दुर्गति अर्थवा सुगति को प्राप्त होता है - साधक के आवश्यक गुण कौन २ से हैं ? ५ पिण्डैपणा ( प्रथम उद्देशक ) ४८ ● भिक्षा की व्याख्या भिक्षा का अधिकारी कौन ? भिक्षाको गवेषणा करने को विधी - किस मार्ग से किस तरह आगनन किया जाय ? चलने, बोलने आदि क्रियाओं में कितना सावधान रहना चाहिये ? - कहां से भिक्षा प्राप्त की जाय ? किस प्रकार प्राप्त की नाय ? गृहस्थ के यहां जाकर किस तरह खडा होना चाहिये ? निर्दोष भिक्षा किसे कहते हैं १ कैसे दाता से भिक्षा लेनी चाहिये १ - भोजन किस तरह करना चाहिये १ प्राप्त भोजन में किस तरह सन्तुष्ट रहा जाय ? · · · (३५)
SR No.010496
Book TitleAgam 42 Mool 03 Dashvaikalik Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyamal Maharaj
PublisherSthanakvasi Jain Conference
Publication Year1993
Total Pages237
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_dashvaikalik
File Size8 MB
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