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________________ ३२४ . मध्यप्रदेश । .. यहाँके मन्दिरमें १ प्रतिमा “चिह्न और संवत् आदि कुछ नहीं है" बहुतही मनोज्ञ अतिशयधारी है और अब भी कभी २ कई अतिशय दिखलाई देते हैं । यह प्रतिमा नर्मदा नदीमेंसे जो कि रियासत इन्दौर निमावर ग्रामके नीचे बहती है यहांके रहनेवाले किसी एक भाईको सनके द्वारा समाचार ज्ञात होनेसे निकाली गई थी। हरदाके समीप ग्रामों में इसकी महिमा प्रसिद्ध है। एक समयपर हरदेमें विशुचिका रोग हो गयाथा उस समय इस प्रतिबिम्बसे पसेबके समान जल निकलताथा उसकी १ बिंदु देनेसे बीमारी नाशको प्राप्त होती थी, इसके सिवाय और भी कई अतिशय हैं । यहांपर एक प्रतिनिम्ब पार्श्वनाथ स्वामीकी धातुकी है, संवत अस्पष्ट होनेसे मालूम नहीं होता है । हिंगणघाट। . --000-- इस जिलेमें सबसे बडा नगर वूना नदीके किनारे (ग्रेट इंडियन पेनिन्शुला) की जो लाईन वर्धा-वरोरा नामकी है उसमें एक स्टेशन है । जूना हिंगणघाट और नया हिंगणघाट ऐसे इस शहरके दो भाग हैं । यहांकी मनुष्यसंख्या १२५०० है जिममें ११३ दिगम्बर जैनी हैं जिनके कुल गृह २८ हैं। यहांपर दिगम्बर आम्नायके मन्दिरजी एक तथा एक चैत्यालय है और इन्हीकी एक धर्मशाला नयी वस्तीमें है। रुईकी यहांपर बडीभारी मण्डी है और दोरुईकी कलें भी हैं जिसमें एक रा० ब० बन्सिलाल अबीरदासकी करीब ४ लाख लागतकी बनी हुई मौजूद है । यहां सोमवार के दिन साप्ताहिक बाजार होता है जिसमें विशेषकर पीतल के बर्तन, खेतीके हल वगैरका क्रयविक्रय होता है। हीरापुर। यह ग्राम जिला सागरमें है । वस्तीके बाहर एक सुंदर किला है जहाँ थोडे दिन - हुए एक सुंदर सफेद धातुकी खदान निकली है । यह ग्राम सागरसे कानपुर जानेवाली सडकके किनारे है । सागर रेलवे स्टेशनसे श्रीसिद्धक्षेत्र द्रोणागिरजी को जानेका मार्ग इसी ग्रामसे होकर है। यहांपर दिगम्बर जैनियोंके १८ गृह, ८४ मनुष्य संख्या तथा एक शिखरबन्द मन्दिर है।
SR No.010495
Book TitleBharatvarshiya Jain Digambar Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakurdas Bhagavandas Johari
PublisherThakurdas Bhagavandas Johari
Publication Year1914
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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