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________________ श्रवणबेलगोल नगर श्रवणबेलगोल चन्द्रगिरि और विन्ध्यगिरि के वीच मे बसा हुआ है। यहाँ के प्राचीन स्मारक इस प्रकार है१. भण्डारि बस्ति __यह श्रवणबेलगोल का सबसे बडा मन्दिर है। इसकी लम्बाई-चौडाई २६६४७७ फुट है। इसमे एक गर्भगृह मे एक सुन्दर चित्रमय वेदी पर चौबीस तीर्थकरो की तीन-तीन फुट ऊची मूर्तियाँ है। इसीसे इसे चौबीस तीर्थङ्कर वस्ति भी कहते है। बस्ति के सम्मुख एक पाषाणनिर्मित सुन्दर मानस्तम्भ है। २. अक्कन बस्ति नगर भर मे यही बस्ति होय्यसल गिल्पकला का एकमात्र नमूना है। इस सुन्दर भवन मे गर्भगृह, सुखनासि, नवरङ्ग और मुखमण्डप है। गर्भगृह मे सप्तफणी पार्श्वनाथ की पाँच फुट ऊची भव्य मूर्ति है। गर्भगृह के दरवाजे पर बड़ा अच्छा खुदाई का काम है। नवरङ्ग के चार काले स्तम्भ, जो आइने के सदृश चमकीले है, और कला-कौशलपूर्ण नवछत्र वडे ही सुन्दर है, मन्दिर के गुम्मट अनेक प्रकार की जिन-मूत्तियो से चित्रित है, शिखर पर सिंहल लाट है। यह वस्ति होय्सल नरेश वल्ला(द्वितीय) के ब्राह्मण मत्री चद्रमौलि
SR No.010490
Book TitleShravanbelogl aur Dakshin ke anya Jain Tirth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajkrishna Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1953
Total Pages131
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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