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________________ ( ४२ ) उत्तरः चड़विहंपि आहारं पच्चखामि । असणं, पाणं, खाइमं साइमं, अन्नथारणा भोगणं, सहस्सा गारेणं अप्पारणं वोसिरामि" इस. मुजब कहना. (२४) प्रश्नः च विहार का पच्चखाण पारती वक्त. क्या कहना ? उत्तर: " चउविहं पिचाहारं पच्चखाण फासियं पालियं सोहियं तिरियं किंत्तियं श्राराहियं आणाए पालियं नभवई तस्स मिच्छा मि दुक्कडं " इस मुजब कहना पच्चखाण पारने के पहले कुछ खाना पीना नहीं चाहिये. प्रकरण ११ वीं । मनुष्य के भेद || ( १ ) प्रश्नः मनुष्य के मुख्य भेद कितने हैं व क्या २१ उत्तरः चार. कर्म भूमि के मनुष्य १. अकर्म भूमि के मनुष्य २. अंतरद्वीपा के मनुष्य ३ व समुच्मि मनुष्य ४. (२) प्रश्न: कर्मभूमि किसको कहते हैं ? ... उत्तरः जिस भूमि के मनुष्यों की थाजीविका असि, मसि व कृषि ये तीन प्रकार के व्यापार से चलती हैं उसीही भूमि को कर्म भूमि कहते हैं.. ( ३ ) प्रश्न: असि का व्यापार मायने क्या ?
SR No.010487
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year1914
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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