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________________ [८] विषय ७-वाय दि. जैनधर्म .५ ८-धार्मिक सहिष्णुता २८-मल्लिकार्जुन व विन्या ५६। -समाज व्यवस्था २९-संगम गजवंश पक्ष ५८ ..-स्त्री समाज २-विजयनगरके मालुव । ११-जैन संत्र व्यवस्था वं अन्य राजवंश और १२-जैन मनियों का चारित्र ७९ उनके शासनकाल में जनधम- १३-मुनियोंका महान व्यक्तित्व ८. •-माम बम लुा गजनरश ५: १५-यिक ये ८१ २-मान्न जनधम ५: १५-श्रावक श्राविकार्य ३-मादी नदि ६० १६-सम्पदायिक विद्वेष ४- लामिह ६. और पारक प्रभाव ८४ ५- ६१ - १७-यान्न य शासक जनो थे ८६ ६- गय और जनधम ६२ १८-विजयनगर गमकुमार ७-बाटीद नन्द६३ और धर्म ८७ ८-सम्र? अच्युत ६३ १:-विजयनगक सामन्त :-अपन और महाशव ६४ और जैनधर्म ८७ ... Elinati शामन ६५ २०-क बल्ब एवं क ङ्गल्य 1-11414 (आविद वंश) ६५ वंशके जैन शामक ८८ १२-मावमिक पतन ६६ २१-गजमंत्री चन वोम्मम्म ८९ ३-घजयनगरको शासन २२-दंडाधिष मङ्गग्स व्यवस्था तथा सामन्ती ओर २३-संगीतपुटके सालुवनरेश कमेवारियांम जैनधर्म । और जैनधर्म १-हिन्दु संगठन ६८ २४-राजमन्त्री पद्म २-सम्राट् और मंत्र मंडप ६८ . २५-मालुव मलिरायादि ३-मंत्री मंडप अंतर ६ जनधर्मक भाभयदाता ९२ ४-शासन विभाग ७. २६-गुखाय और भैरव नरेश ५-ग्राम भ्यवस्था ७१ जैनधर्म प्रभावक ये ९३ -ज्यकर र व्यापार ७२ २७-जेसोप्पेके शासकगण स्तिों के भाव कार्य ! . . मोर नपर्म १४
SR No.010479
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages171
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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