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________________ प्राक्कथन। RA प्रकट करती थी, जो उस समय संसारभरमें नीलनदीके मतिरिक्त सबसे बड़ी मानी जाती थी। सारे देशका विस्तार अर्थात पूर्वसे पश्चिमतका ११४९ मील और उत्तरसे दक्षिणतर १८३८ मील था। यह वर्णन भारतकी वर्तमान आकृतिसे प्रायः ठीक बैठता है । जिस प्रकार भारत आन एक महाद्वीप है, उसी प्रकार तब था। आज ' इस देशकी उत्तरी स्थलसीमा १६०० मील, पूर्वपश्चिमकी सीमा लगभग १२०० और पूर्वोत्तर सीमा लगभग ९०० मील है । समुद्रतटका विस्तार लगभग ३५०० मील है ।' कुल क्षेत्रफल १८,०२,६५७ वर्गमील है। हां, एक बात उस समय अवश्य विशेष थी और वह यह थी कि चन्द्रगुप्त मौर्यने यूनानी राना सेल्यूकसको परास्त करके अफगानिस्तान, बांधार आदि पश्चिम सीमावर्ती देश भी भारतमें सम्मिलित कर लिये थे। ___ भारतके विविध प्रान्तोंमें परस्पर एक दूसरेसे विभिन्नता पाई जाती है और यहांके निवासी मनुष्य भी सब भारतकी एकता। एक नसलके नहीं हैं। मेगस्थनीज भी बतलाता है कि भारतकी वृहत मारुतिको एक ही देश लेते हुये, उसमें अनेक और भिन्न जातियों के मनुष्य रहते मिलते हैं; किन्तु उनमेंसे एक भी किसी विदेशी नसलके वंशन नहीं थे। उनके आचारविचार प्रायः एक दूसरेसे बहुत मिलते जुलते थे। इसी कारण यूनानी भी सारे देशको एक ही मानते थे और सिकन्दर महानकी अभिलापा भी समग्र देशपर अपना सिक्का जमानेकी थी। भारतीय १-मैए इ. पृ० ३०१२-पूर्व पृ० ३५ ।
SR No.010471
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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