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________________ १७४] संक्षिप्त जैन इतिहास । भगवान महावीरकी मुख्य तिथियाँ । १. भगवान महावीरका जन्म".........""ई. २. , , गृहत्याग"""""""", ३. , , केवलज्ञान"............", " ९७५ ४. , , निर्वाण................ " ६१७ " ९८७ " ११६ जम्बूखामी। अंतिम केवली श्री जम्बूरामी। (ई० पूर्व ५२१-४४०) भगवान महावी!जीके निर्वाण लाभ करने के पश्चात् चौवीस वर्षमें श्री इन्द्रभृति गौतम और सुधर्मास्वामी भी "। उनके अनुगामी हुये थे। सुधर्मास्वामीके मोक्ष प्राप्त करलेनेपर वीर-संघका शासन श्री जम्बूम्वामीके आधीन रहा था। यह अतिम केवली थे। इनके उपरांत इस देशसे कोई भी जीव सर्वज्ञ और मुक्त नहीं हुआ है। लोग कहते हैं कि जम्बूस्वामी - अपने साथ ही मोशा द्वार बंद कर गये थे। जम्बृस्वामीका जन्म भगवान महावीरके जीवनकालमें हुमा था। मगधदेशके राजगृह नगरमें एक महँदास वाल्य-जीवन ।। जान' नामक जैन सेठ रहते थे । जिनमती अथवा जिनदांसी नामक उनकी सुशील और विंदुषी पत्नी थी। जम्बूकुमा १-उ० पृ० ७१० । २-उसुः पृ० ५०२ व जम्बूकुमार चरित पृ० १८. किन्तु श्वे० आम्नायमें इनके माता-पिताका नाम क्रमशः रुषभदत्त व धारणि लिखा है । रुषभदत्त वाश्यपगोत्री श्रेष्ठी थे। (जैसा सं. भा० १ -वीरवंशावलि पृ०२)
SR No.010471
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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