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________________ उपयोगी शिक्षाएँ १- ईश्वर एक है, नाम अनेक हैं। :- किसी का बुरा मत चाहो । ३ - हो सके तो किसी की मदद करो, नहीं तो कम से कम किसी का कभी मत दो | ४ - इच्छाओं को कम करो । ५- कठिनाइयों में ईश्वर को याद करो । ६- दुनियाँ के भोगों का आवश्यकतानुसार और तोर दवाई के उपभोग करो। ७ - इस मुसाफिरखाने से मुहब्बत करो, लेकिन इतनी कि जिससे घर न भूल जाय । सन्तोष से बड़ा दूसरा धन नहीं है। ९ - दुनियाँ से दिल न लगाओ और मौत को याद रखी, लेकिन नेक काम करने के समय अपने को अमर समझो । १० - जीवन का लक्ष्य भगवत् प्राप्ति है, मोग नहीं, इम निश्चय से कभी न टला और सारे काम इस लक्ष्य की साधना के लिये करो । १४ - निकम्मे कभी न रहो । १० म्वावलम्बी बनकर रहो। दूसरे पर अपने जीवन का भार मत डालो । १३ - विलासिना से दूर रहो, अपने लिये खर्च कम लगाओ, बचन क पैसे गरीबों की सेवा में लगाओ । १४ - मन, वचन और शरीर से पवित्र, विनयशील, और परोपकारी बनो ।
SR No.010470
Book TitleSankshipta Jain Dharm Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhaiya Bhagwandas
PublisherBhaiya Bhagwandas
Publication Year
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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