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सलका जारिसा जोना
खलुके जो उ जोएइ
सविता पुव्वकम्माइ सविता पुव्यकम्माइ (सिद्धि)
सिप्प न सक्के विवेग०
खुब पिवास दुस्तेज्ज
खेत्त वत्यु हिरण प०
च
खेत वत्यु हिरण्ग च पु०
ग
गईलक्तणो उ घम्मो
गत्तभूसणमिच
गन्माइ मिज्जति बुवा ०
गहणेनु न चिञ्जिा
गवन्स घाण गहण
गधेनु जो गिद्धिमुवेइ
गभीरविजया एए
गारत्येहिय सहि
गारवेनु कमाएम् चार पिन लादने नरे
गिद्धोवमा उनच्चाण
गुणापमानओ दव्व गुम्विनीए उत्
[ ४२८ ]
२८५
२८४
१००, २६६
२१०
३१०
१७६
= १
१७०
૬
१५६
૩૭૨
१९७
३२५
३२५
२०२
२५६
१७५, १९१
४०२
દ
१३
२३ε
गवसणाए गहणे य
गोअरमापविट्ठल्स
गोमेज व त्यागे अंके
गोयकम्म तु दुविह
गोवालो भंडवालो वा
च
चटण्ह खलु भासाण
चप्पा व परिसप्पा
चटरग दुलह नन्वा
चरिदिया उ जे जीवा
चवीवत्यएण भते ।
चलिहे वि बाहारे
चक्तुमचत्तू जोहिम्स
चक्खा पडिलेहित्ता
चत्तपुत्तक्लत्तन्न
चत्तारि परमगाणि
चारि वने सवा
चम्पे उलोमपक्ती य
चरितमोहन कम्म
चरे पवाई परिसक०
चणस्य-हस
चदारा य नवत्ता
२१ε
२०२
३०
७१
१८५
१३६
४३
८२
४०
૩૬૩
२१४
६३
၁၁၇
૫૬
७४
२४६
૪૪
うう
११०
20
४५