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________________ ॐ नमः सिद्धेभ्यः महाचन्द जैन भजनमाला !! (१) बधाई। बधाई आली नाभिराय घर आज ॥ टैर॥ मरुदेवी सुत ऊपजो है आदि जिनेंद्र कुमार। - इन्द्रपुरी तैं हू भली है आज अयोध्या द्वार ॥ बधाई० ॥ १॥ जन्मत सुरपति आइये हैं ले ले सब परिवार । मेरु शिखरपै न्हवन कियो है क्षीरोदधिजल धार ॥ वधाई ॥२॥ रूप जिनेंद निहारके है तृप्त न हुवो सुरराय । सहस्त्र नयन तबही रचे हैं ' देखनको जिनराय ॥ वधाई॥३॥ नाम दियो तब इन्द्रने है शुषभदेव महराज। सौपि नपति कौं नाचिके हैं निज निज स्थान विराज ॥ बधाई ॥४॥ बीन बांसुरी नोवत्यां है बाजत सुन झनकार । नर नारी सबही चले हैं देखनको जिन
SR No.010454
Book TitlePrachin Jainpad Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvani Pracharak Karyalaya Calcutta
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year
Total Pages427
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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