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________________ a fonte ६६ विज्ञप्ति आज मैं पाठकोंके समक्ष उन पण्डितजी महाराजके कथित भाषा पदोंका कुछ संग्रह लेकर उपस्थित हुआ हूं जो सीकर ( शेखावाटो ) में संस्कृत व प्राकृत भाषाके अच्छे विद्वान एवं क्षलक त्यागी हो चुके हैं और जिनके बनाये हुये संस्कृत व प्राकृत भाषाके जैनेन्द्र सारादि पांच सात महान ग्रन्थ सीकर शास्त्र भंडारमें विद्यमान हैं इनके अलावा संस्कृत भाषामें षटपदी नामक एक गायन ग्रन्थ बड़ा ही ललित रचा हुआ है वह भी उपरोक्त भंडारमें विद्यमान है परन्तु आज तक सिवाय एक सामा. यकपाठके कोई भी ग्रन्थ प्रकाशित नहीं हुआ कि जिससे समाजको इनका परिचय मिलता, हमने अपने इष्ट मित्रोंके अनु रोधसे उपरोक्त पण्डितजीके भाषा पदोंका (जो कुछ वृद्ध सजनोंसे सुने थे, उनका) संग्रह करके यह महाचन्द्र जैन भजनावली नामक पुस्तक प्रकाशित की है आशा है समाज इसको अपनावेगा तो मैं अपना परिश्रम सफल समभूगा। अलम् जैनसमाजका दासःछोगालाल सेठी। Tud
SR No.010454
Book TitlePrachin Jainpad Shatak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvani Pracharak Karyalaya Calcutta
PublisherJinvani Pracharak Karyalaya
Publication Year
Total Pages427
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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