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________________ १२ ग्रन्थ नाम प्रवचनसार-तत्त्वप्रदीपिका-वृत्ति प्रवचनसार-तात्पर्यवृत्ति / प्रायचित्त चूलिका बोधप्राभृत- टीका भावप्राभृत टीका मूलाराधना-दर्पण मैथिलीकल्याण (नाटक) मोक्षप्राभृत-टीका लब्धिसार-टीका लाटी संहिता लोकविभाग विक्रान्त-कौरव (नाटक) विजयोदया (भ० श्राराधना-टीका) समाधितन्त्र- टीका सर्वार्थसिद्धि (तत्त्वार्थवृत्ति ) सागारधर्मामृत टीका सिद्धान्तसार- टीका सिद्धिविनिश्चय-टीका सूत्रप्राभृत टीका पुरातन जैनवाक्य-सूची अन्यकार नाम 'अमृतचन्द्र जयसेन श्रीनन्दिगुरु श्रुतसागर श्रुनमागर प० आशाचर हस्तिमल्ल श्रुतमागर नेमिचन्द्र (द्वितीय) पं० राजमल्ल सिहनूर हस्मिल्ल अपराजितमूरि प्रभाचन्द्र पूज्यपाद प० आशावर ज्ञानभूषण अनन्तवीर्य श्रुतसागर थ-भाषा संस्कृत ,, 23 1 ر "" , 33 " 33 मस्कृत " RR: 39 संस्कृत
SR No.010449
Book TitlePuratan Jain Vakya Suchi 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1950
Total Pages519
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size33 MB
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