SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 79
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नासिक जिला। [६३ गाथारामहणू सुग्गीओ गवय गवाक्खोय णील महणीलो । णवणवदी कीडीओ तुण्गीगिरि णिव्वुदेवंदे ॥ (प्राकृत निर्वाणकांड ) रामहनू सुग्रीव सुडील, गव गवाक्ष्य नील महानील । कोड निनानवे मुक्ति प्रमाण, तुण्गीगिरि वंदोधरिध्यान ।। (निर्वाणकांड भाषा) पर्वतके नीचे दि० जैन मंदिर व धर्मशालाएं हैं । कार्तिक सुदी १५ को मेला होता है । मुनीम रहता है नासिक नगरका वर्णन आराधना कथा कोश ब० नेमिदत्तकृत नागदत्साकी कथामें आया है (नं० ५१में) आभीराख्य महादेशे नाशक्य नगरेवरे । वणिक सागरदत्तो भून्नागदत्ता च तस्प्रिया ॥
SR No.010444
Book TitlePrachin Jain Smaraka Mumbai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1982
Total Pages247
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy