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________________ RAwan मीरज राज्य। [१५० (२९) मीरज राज्य । यहां मुख्य स्थान हैं। (१) मुदौल-कलादगीसे पूर्व उत्तर १६ मील । दो प्राचीन मंदिर जैनियोंके ढंगके हैं । अब शिव स्थापित हैं। (२) पंदगांव-बेलगावसे कलादगीकी सड़कपर ग्रामके पश्चिम ४-५ मील । सड़कके किनारे एक छोटा जैन मंदिर है । (३०) सांगली स्टेट। यहां मुख्य स्थान हैं। (१) नेग्दाल-यहां बड़े महत्वका एक जैन मंदिर श्री नेमिनाथ भगवानका है नो ११८ ७में बना था। (३१) गोआ (पुर्तगाल) इसकी चौहद्दी यह है । उत्तरमें मावंतवाड़ी स्टेट, पूर्वमें पश्चिमीय घाट, बेलगाम, उत्तर कनड़ा, दक्षिण उत्तर कनड़ा, पूर्वमें अरब समुद्र यहां १ ४७० वर्ग मील स्थान है। इसका प्राचीन नाम गोमनचल है। यहांके कुछ शिलालेख यह बताते हैं कि गोआमें वनवामीके कादम्बोंका राज्य था जिनका प्रथम राजा श्री त्रिलोचन कादंव सन ई० ११९ व १२० के करीब हुआ है । इस वंशने ( स० नोट-यह जेन वंश था ) यहां मुस० के आने तक सन १३१२ तक राज्य किया। -
SR No.010444
Book TitlePrachin Jain Smaraka Mumbai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1982
Total Pages247
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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