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________________ १५० ] मंबईप्रान्त के प्राचीन जैन स्मारक । ग्रामसे २० मील दूर खिप नगरसे दक्षिण नार नदीपर है । मीरपुर खासके पास कहसी नगरके ध्वंश हैं जो पहले ब्राह्मणावाद कहलाता था इसका नाश ८ वीं शताब्दीमें हुआ । यहां बहुत प्राचीन ध्वंश हैं । ( R. J A S Gf India 734 ) (३) नगरपार्कर - ता० नगर | अमरकोट से दक्षिण १२० मील | प्राचीन नगर | नगरपार्करने उत्तर पश्चिम भोदेश्वर है वहां तीन प्राचीन जैन मकानोंके हैं जो कहा जाता है कि सन १३७९ और १४४९ में बनाए गए थे । C (४) विराह - के वंशो जो जैन मंदिरोंके शेषांश हैं उनमें से मि गिल बहुत से खुदे हुए पाषाण कराची अजायब घरमें ले गए हैं। यहां बहुत प्राचीन व महत्वकी रचनाएं हैं 1 ग्राममें दूसरा जैन मंदिर है जो हालका बना है ।
SR No.010444
Book TitlePrachin Jain Smaraka Mumbai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1982
Total Pages247
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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