SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 131
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ धाड़वाड़ जिला। [११५ शिवभक्त बनाया । यह माना जाता है कि जैन लोग अधिक संख्यामें लिंगायत होगए । उस समय जैन धर्म दक्षिण महाराष्ट्रमें . फैला हुआ था । It is supposed that lingayats were largely converts from Jainism which was prevalent throughout southern Mahratta country where the sect first came with prominence. मुख्यस्थान। (१) वंकापुर-ता० बंकापुर। एकनगर । बंकापुरका सबसे पहले नाम कोल्हापुरके एक शिला लेखमें आया है जो सन् (७८ का है। उसमें वर्णन है कि बंकापुर एक बड़ा प्रसिद्ध और सबसे बड़ा नगर है । इसका नाम चेलेकितन राजा बंकेयारसके नामसे पड़ा है जो राष्ट्रकूट राजा अमोघ वर्ष (८५१-६९) के नीचे धाडवाडका राजा था । सन् १०७१ में गंगवंशका राजा उदयदित्य इस नगरमें राज्य करता था । सन् १४०६में बहमनी सुलतान फीरोजशाहने इसे अधिकारमें किया । यहां एक सुन्दर जैन मन्दिर रङ्गस्वामीका है जिसमें कई शिला लेख हैं। उनमें एक लेख शाका ९७७ ( सन् १ ०२५) का है जब कि चालुक्य राजा गंग परमेश्वर विक्रमादित्य देव जो त्रैलोक्य मल्लदेवका पुत्र था व कुवलालपुर नगरका महाराजा व नन्दगिरिका स्वामी था । इसके मुकुटमें हाथीका चिन्ह था व जो गंगावादित ९६००० व वनवासी १२००० पर राज्य करता था और जब कि उसके आधीन बड़ा सर्दार कादम्ब कुलतिलक राना मयूरवर्मा १२००० वनवासीमें राज्य कर रहा था, उस
SR No.010444
Book TitlePrachin Jain Smaraka Mumbai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year1982
Total Pages247
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy