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________________ पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास इस मन्दिर का निर्माण सेठ छदामीलाल जी पल्लीवाल ने कराया था। फिरोजाबाद से चार कि मी दूर चन्द्रवाड मे एक अति प्राचीन दि. जैन मन्दिर था. लेकिन यमुना नदी की बाढ मे डह गया। इसके स्थान पर नया मन्दिर बन गया है। कचौडाघाट में भी एक प्राचीन दि० जैन मन्दिर था। अब मात्र भग्नावशेष ही है। मन्दिर की मूर्तियाँ वही के लवेचू दि० जैन मन्दिर मे विराजमान कर दी गई है। आगरा तथा इसके आस-पास के क्षेत्र मे 200-250 वर्ष पुराने कई दि० जैन मन्दिर है जिन्हे पत्लीवालो ने बनवाया। कठवारी, मिठाकुर, मागरौल, रूनकता तथा सिकन्दरा आदि ग्रामो में ये मन्दिर आज भी स्थित है। किरावली तथा रायमा ग्रामो मे भी दि० जैन मन्दिर है लेकिन इनको पत्लीवाल जाति सहित अन्य जैन जातियो के लोगो ने मिलकर बनवाया था। आजकल इन गाँवो मे पल्लीवालो के अतिरिक्त अन्य जैन जातियो का प्रभाव होने से इनकी देख-रेख पल्लीवालो के हाथो मे ही है। आगरा के धूलियागज मौहल्ले में एक दि० जैन मन्दिर है, यह सन् 1839 ई० से पहले का बना हे। आगरा मे दो अन्य दि० जैन मन्दिर हे जिनका निर्माण पल्लीवाल बन्धुप्रो द्वारा कराया गया है, लेकिन ये मन्दिर नये है। हिन्डौन के पाम झारेडा नामक ग्राम मे भी एक दिगम्बर जैन मन्दिर था। इस मन्दिर की प्रतिमा आजकल केसरगज, अजमेर के दि. जैन मन्दिर मे विराजमान है। जगरौटी क्षेत्र के समोची, खेडली तथा समराया ग्रामो मे भी पल्लीवालो के दि० जैन मन्दिर थे, लेकिन 6-7 वर्ष पहले इन मन्दिरो को श्वेताम्बर
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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