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________________ (G) प्रस्तुत इतिहास में पल्लीवालो के विशिष्ठ व्यक्तियो का तथा स्वतन्त्रता सेनानियो के परिचय भी दिये गये हैं। इससे यह प्रस्तुत इतिहास वर्तमान समाज से भी जुड़ गया है। और यह अधिक महत्वपूर्ण हो गया है । मुझे यह पूर्ण विश्वास है कि यह इतिहास का सही चित्र प्रस्तुत करेगा, जिसको पढकर समाज में एक नया विश्वास जागृत होगा तथा वे एक जुट होकर धर्म, समाज एवम् अन्य सभी कार्यों मे आगे बढेगे तथा अपने गौरव में और भी वृद्धि करेगे और पल्लीवाल जाति को सही दिशा प्रदान करेगे तथा जाति के संगठन को मजबूत करेगे। इतिहास के प्रकाशन के लिए गत दीपावली (दि 22 अक्टूबर 1987) को 'श्री पल्लीवाल जैन इतिहास प्रकाश समिति' का गठन करने का निश्चय किया गया, जिसमे कुल 7 सदस्य रम्बे गये, जो निम्न है - (1) श्री महावीर प्रसाद अलवर (2) श्री गुलजारीलाल जी जैन अलवर (3) श्री सुमेरचन्द जी 'भगत' आगरा (4) श्री बृजेन्द्र कुमार जैन आगरा (5) श्री हुकमचन्द्र जी एडवोकेट फिरोजाबाद (आगरा) (6) श्री सुरेन्द्र कुमार जी जैन फरीदाबाद (हरियाणा) (7) छगनलाल जी जैन पाल बीसला अजमेर प्रस्तुत प्रकाशन के लिए जिन 2 साथियो ने समिति को मार्थिक सहयोग एव अपना अमूल्य समय दिया उनके लिए मैं समिति की ओर से प्रति आभारी हूँ। सबसे प्रसन्नता की बात तो यह है कि इस सम्बन्ध मे हमे जब प्रागरा, फिरोजाबाद, फरीदाबाद, अलवर या जहाँ भी गये समाज के सदस्यो ने खुले हृदय से आर्थिक सहयोग देकर हमारे कार्य को सरल कर दिया
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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