SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रकाशकीय 'पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास' पुस्तक पाठको के हाथो मे देते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है । पल्लीवाल जन जाति के निष्पक्ष इतिहास की बहुत समय से आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस कार्य को समाज के युवा विद्वान डा० अनिल कुमार जैन ने पूरा किया है। प्रत वे बधाई के पात्र हैं। पल्लीवाल जाति का जैन जातियो मे प्रमुख स्थान है। यह एक ऐसी जाति है जिसके सभी सदस्य जैन धर्मानुयायी हैं। इस जाति ने अपने बहुत ही उतार-चढाव देखे है और समय-समय पर उसे अपने स्थान भी बदलने पडे हैं । इस कारण इसका इतिहास लिखना बडा ही श्रम साध्य था। पल्लीवाल जैन जाति के इतिहास लेखन के विगत 25-30 वर्षों में लगातार प्रयत्न किये जा रहे थे। कुछ वर्ष पूर्व इस जाति का एक इतिहास भरतपुर से भी प्रकाशित हुआ था, किन्तु उसमे जाति के इतिहास को सही रूप मे प्रस्तुत नहीं किया जा सका। मेरी भी इतिहास पढने एवम् लिखने मे विशेष रुचि रही है । मै भी इसलिए इतिहास लेखन के कार्य को सन् 1981 से कुछ-कुछ कर रहा था। किन्तु जब मुझे पता चला कि डा० अनिल कुमार जैन, जो स्वय पल्लीवाल जाति के है इस कार्य को कर रहे है अत मैंने यह कार्य
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy