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________________ लेखक की ओर से मेरे द्वारा पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास लिखे जाने का यह प्रयास प्रथम नही है। इससे पहले भी इस जाति का इतिहास लिखा जा चुका है। सन् 1922-23 मे 'लघु पल्लीवाल इतिहास' सतना (रीवा) से प्रकाशित हुया था। सन् 1963 (वि० सं० 2019) मे 'पल्लीवाल जैन इतिहास' (लेखक-श्री दौलत सिह लोढा) का प्रकाशन भरतपुर (राजस्थान) से हुआ था। भरतपुर से प्रकाशित इतिहास काफी विवादास्पद रहा है। इसके सम्बन्ध मे श्री अमर चन्द जी नाहटा लिखते है-'पल्लीवाल जाति के लोग जैन धर्म के श्वेताम्बर तथा दिगम्बर दोनो सम्प्रदायो को मानने वाले है। भरतपुर के स्वर्गीय नन्दनलाल जी पल्लीवाल ने मेरे को पल्लीवाल जाति का इतिहास तैयार करने के लिये बहुत जोर दिया तो मैने अपने निर्देशन मे स्व० दौलतसिह लोढा 'अरविन्द' से पल्लीवाल जाति का इतिहास तैयार करवाया। उसमे श्वेताम्बर प्रतिमा लेखो, प्रशस्तियो, ग्रन्थो आदि का विशेष आधार लिया गया था। आवश्यकता थी दिगम्बर सम्प्रदाय की सामग्री का भी वैसा ही उपयोग करके उस इतिहास की पूर्ति करने की। पर खेद है उसके बाद इसमे कोई प्रगति नही हुई। __उस इतिहास मे और भी कई कमियाँ थी। उसे लिखने में श्री कजोडीलाल 'राय' से प्राप्त हस्तलिखित 'प्रार्थना-पुस्तक' का विशेष आधार लिया गया था, लेकिन इस पुस्तक की भी कई बातो को छोड दिया गया, अन्यथा यह इतिहास उतना
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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