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________________ 136 पल्लीवाल जैन जाति का इतिहास Your India Blady उसका पोट दिया । आप सन् 1936 मे Pereonal officer N W Rly केपद से सेवा मुक्त कर दिये गये थे। उनके स्वयम् कहने के अनुसार आप महात्मा गाधी जी के साथ प्रसिद्ध डडी मार्च मे भी गये थे। स्वतन्त्रता के आन्दोलन में एक बार जेल गये । आपकी जैन दर्शन मे शुरु से ही रुची थी । सन् 1913 में आपने जैन धर्म पर सरस्वती मे लेख दिया था। बचपन में ही आपने चमडे का प्रयोग जीवन भर के लिये छोड दिया था । आप काफी समय तक अखिल भारतीय दिगम्बर परिषद के महा मत्री रहे। आपने करीब एक लाख रुपये का रघबर दयाल रामदयाल जैन चैरेट बिल ट्रष्ट की स्थापना कर जिसके द्वारा बहुत से जैन धर्मावलम्बियो को दिक्षा दान में सहयोग दिया व अन्य धार्मिक कार्यों में पैसे का सद उपयोग किया। एक बार किसी दुकानदार ने आपको केशर चमडे का बुरादा मिला हुआ दे दिया जिसके पश्यचाताप व आत्म शुद्धि हेतु 3 रोज का अन्सन किया। आप महात्मा गाधी जी के काफी सम्पर्क में थे और सन् 1948 में महात्मा गाधी जी की भस्मी को लेकर कैलाश पर्वत व मान सरोवर झील ले गये थे । आपकी मृत्यु 9 जून 1969 को देहली मे हो गई। रत्न त्रियधारी पुत्र श्री रघुवर दयालजी अच्छे विद्वान थे। जिन्होंने मन्त विनोबा जी के सम्पर्क मे रह कर भूदान मे कार्य किया वे विनोबा जी के आखरी समय तक उनके व्यक्तिगत सचिव रहे। श्री महावीर प्रसाद जैन स्वतन्त्रता सेनानी श्री महावीर प्रसाद जैन का जन्म 10 जुलाई सन् 1922 को प्राम गविन्दगढ राज्य अलवर मे हुमा था । आपके पिता का नाम
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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