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________________ षष्टम-अध्याय भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में पल्लीवाल जाति का योगदान पल्लीवाल जन जाति जनसंख्या की दृष्टि से एक छोटी जाति है, लेकिन भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलनो मे यह सहभागी रही है।34 इन आन्दोलनो मे पल्लीवाल जाति के सैकडो स्त्री-पुरुष तथा बच्चो ने सक्रिय भाग लिया। बहुत से लोगो को विभिन्न आन्दोलनो मे भाग लेने के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा। इन आन्दोलनकारियो मे से कुछ का ही विवरण प्राप्त हो सका है, जो निम्न प्रकार है श्री रघुवर दयाल जी पुत्र श्री रामदयाल जी जैन का जन्म दिनाक 28-10-1889 को मउ (इन्दौर) में हुआ था। इन्होने सन् 1911 में MA मे इन्दोर से व LLB इलाहाबाद से 1913 मे कर लिया था। माप उसके बाद कुछ समय कनेडियन मिशन कॉलेज मे लेक्चरार रहे। और फिर श्री अर्जुनलाल सेठी के स्वतन्त्रता संग्राम मे गिरफ्तार हो जाने के बाद माप त्रिलोकचन्द्र जैन हाई स्कूल इन्दौर के हैड मास्टर हो गये उसके बाद आप उत्तरी व पच्छिमी रेल्वे मे प्रोफिस हो गये । और लाहोर चले गये । जहाँ एक अग्रेज प्रोफिस के किसी भारतीय से यह कहने पर कि
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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