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________________ 115 विशिष्ठ व्यक्तियो का सक्षिप्त परिचय आप बहुत ही सरल परिणामी थे तथा बहुत ही मधुरभाषी थे। साधर्मी भाइयो के प्रति आपके दिल में विशेष वात्सल्य भाव था। आपको समय-समय पर विभिन्न उपाधियो से सम्मानित किया गया । 'पल्लीवाल भूषण', 'व्याख्यान वाचस्पति', 'कुशल प्रचारक', 'कवि रत्न', 'ममाज-सेवी' प्रादि कई उपाधियो के साथ आपका स्मरण किया जाता है । विभिन्न सस्थाओ द्वारा प्रापको कई मानपत्र भी भेट किये गये। आपका अधिकतर जीवन धर्म ध्यान मे ही व्यतीत हुआ। आपने कई पुस्तको को रचनाएँ की, जिनमे भव्य प्रमोद मक्खन जैन भजनमाला, ज्ञानानन्द भजनाकार, सिहोदर-बज्रकरण नाटक, तथा अकलक चरित्र बहुत प्रसिद्ध हैं। आपके सभी भजन बहुत ही मुन्दर तथा मनमोहक है । 'श्री सिद्ध चक्र के विधान' पर आपने कई भजन बनाये जो कि बहुत ही लोक प्रिय हैं। आध्यात्मिक जैन कवि के रूप मे आपको हमेशा याद किया जाता रहेगा। प० मक्खनलाल जी ने अपना जीवन परिचय स्वय भी लिखा है । इसे इनकी पुस्तक 'भव्य-प्रमोद' के साथ प्रकाशित कराया गया है (प्रकाशक-सरलादेवी जैन पुस्तकालय, 2532, धर्मपुरा, देहली-110006 )। हम उसे ज्यो का त्यो निम्न प्रकार दे पडित जी का जीवन परिचय स्वय उनकी कलम से सबैया 31 जिला अलीगढ माहि तहसील अतरोली ग्राम काजमाबाद का जनम हमारा है, पिताजी का नाम डालचन्द नरायनि मात पल्लीवान जैन कुन्द कुन्द पथ धारा है, विक्रम संवत् इनईस पर अडतीस माश पक्ष दिन शुभ रवि शशि तारा है,
SR No.010432
Book TitlePallival Jain Jati ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnilkumar Jain
PublisherPallival Itihas Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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