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जाणहि अप्परणा
विसया
-समझ -अपना -(इन्द्रिय)-विषय -होगे
होसहि म
फल
(जाण) विधि 2/1 सक अव्यय (विसय) 1/2 (हो) भवि 3/2 अक (अम्ह) 6/1 स (फल) 2/2 अव्यय (पाक) व 2/1 सक अव्यय (दुक्ख) 2/2 (कर) भवि 3/2 सक (तुम्ह) 4/1 स
पाकहि जेम तिम
=फलो को =क्यो ==पकाता है -जैसे-तैसे =दु खो को =पैदा करेंगे =तेरे लिए
दुक्ख
करेसहि ਰੂ
Thirutture dillu
विसया
सेवहि
=(इन्द्रिय)-विषयो का (को) ' =सेवन करता है =हे मनुष्य
जीव
दुक्खह साहिक एण तेरा पिरारिज पज्जलइ हुववहु
(विसय) 2/2 (सेव) व 2/1 सक (जीव) 811 (तुम्ह) 1/1 स (दुक्ख) 6/2 (साहिका) 1/1 वि (ए) 3/1 स अव्यय अव्यय (पज्जल) व 3/1 प्रक (हुववह) 1/1 अव्यय (घिन) 3/1
=दुखो का =साधक =इससे =इसलिए =निरन्तर =जलती है -अग्नि
जेम
घिएण
=घी से
67. जसु
(ज) 6/1 म
-जिसका
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श्रीवास्तव, अपभ्रश नापा का अध्ययन, पृष्ठ, 1791
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[ पाहुडदोहा चयनिका