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________________ } > ( ३५ ) ॥ वस्तु || नयरि पट्टणि नयरि पट्टणि, चवद सय सतरई, जिणवर्द्धनसूरिकिय वणारि । अह महेत्रय वइमाह सदि दसमि खणि चउद असीहि जिण भद्रसूरि । कित्तिराय उवज्झाय किय, हरसिय देवलदेवि । पडिवोहिय श्रावग घणा बहुय विहार करे ||४३|| || भास || अहसिरि जेसलमेरु मझारी, उच्छव काराविजय वित्थारि । बचव लक्खउ केल्हउ साहू, वेचइ धनु मनि घरि उच्छाहु ||४४|| चउद मताणुवइ (१४६७ ) दसमि सिय माघे सिरि जिण भद्रसूरि हरिसिय । सिरि आयरिय पदि अभिरभि, किया सिरि कित्तिरयण सूरिनामि ||४५ ॥ ॥ वस्तु ॥ नयरि जेसल नयरि जेसल मेरु मझारि, जिणभद्दसूरिद । सिरि कितिराज आयरिय किद्धउ । सिरि कितिरयण पवर नाम तासु पसिद्धउ । चवदह सत्ताणवई सिय माह दसमी बुधवारि । लक्खा केल्हा वधविहि, उच्छव किय वित्थारि ||४६ || ॥ भास ॥ थापिउ सिरि जिणभद्दसूरि पाटिहि सिरि जिणचंदसूरि । कयउ लावण्णशीलो उवझाइ, कित्तीरयणसूरि सुगुण भूरि ॥४७॥
SR No.010429
Book TitleNeminath Mahakavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKirtiratnasuri, Satyavrat
PublisherAgarchand Nahta
Publication Year1975
Total Pages245
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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