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________________ श्री दासूराम जी के समान उनकी धर्मपत्नी भी सरल स्वभावी धर्मज्ञ एव लोक व्यवहार में निपुण महिला थी । वे सदैव दया, दान आदि कार्यो मे अग्रणी रहती थी । मुलतान नगर मे आपका जनरल मर्चेन्ट का पैतृक एव प्रख्यात व्यवसाय था । आपके श्री रोशनलाल जी मात्र एक पुत्र तथा चार लडकिया जो कि समाज के सम्पन्न घरो में ब्याही हुई हैं, वे भी अपनी माता की तरह सरल स्वभावी, धर्मज्ञ है व दान आदि धार्मिक कार्यों मे उत्साहपूर्वक भाग लेती है । मुलतान मे देवीदास, दासूराम जैन के नाम से दुकान थी। अब जयपुर मे रोगनलाल विजयकुमार के नाम से कटला पुरोहित जी मे रग के व्यापारी है । श्री रोशनलाल जी दासूराम जी के एक मात्र पुत्र श्री रोशनलाल जी का जन्म मुलतान मे हुआ था । स्कूली शिक्षा के बाद आप व्यवसाय करने लगे । पाकिस्तान बनने के बाद आप जयपुर मे आकर रहने लगे और यहा कटला पुरोहित जी मे रग का व्यवसाय प्रारम्भ किया। आप कुशाग्र बुद्धि, उत्साही एव परिश्रमी व्यक्ति है । अपने पुरुषार्थ से आपने काफी अचल सम्पत्ति अर्जित की। आपकी - पत्नी श्रीमती शान्तादेवी का छोटी अवस्था मे निधन हो गया जिसके श्री कमलकुमार एवं विजयकुमार दो पुत्र एवं एक पुत्री है । आपने दूसरी शादी की । उनसे एक पुत्र अनिलकुमार एव तीन पत्रि आपकी दूसरी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती आशा जैन है । श्री रोशनलाल जी के पुत्र जी श्री कमलकुमार श्री कमलकुमार का जन्म मुलतान मे सवत् 1947 को हुआ । स्नातक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप अपने पैतृक व्यवसाय मे लग गये । आगकी धर्मपत्नी का नाम अरुणा जैन है तथा आपकी एक पुत्री है। निवास दूसरी गली, वीस दुकान, 570 आदर्शनगर मे है । मुलतान दिगम्बर जैन समाज इतिहास के सालोक में
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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