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________________ गोलछा परिवार श्री देवीदास जी का परिवार ओसवाल दि० जैन के प्राचीन परिवारो मे से है। इनके पूर्वजो का पता नही चल सका। इनके दासूरामजी, शम्भुराम और सुखानन्द तीन पुत्र थे जिनमे श्री सुखानन्दजी का परिचय दिल्ली खण्ड मे दिया गया है। श्री शम्भुराम जी शम्भुरामजी की लगन धार्मिक कार्यों में विशेष थी तथा वे सामाजिक एव धार्मिक कार्यों मे कर्मठ कार्य-कर्ता के रूप मे प्रस्यात थे। आपकी युवावस्था मे ही मृत्यु हो गई। इनकी मात्र एक पुत्री कस्तूरी बाई है जिनका विवाह श्री गिरधारीलाल सुपुत्र श्री करमचन्द सिंगवी के साथ डेरागाजीखान मे हुआ। 103 श्री दासूराम जी श्री दासूरामजी गोलेछा का जन्म मुलतान नगर मे दिगम्बर जैन मोसवाल श्री देवीदासजी गोलेछा के यहाँ हुआ। आप पैतृक सम्पन्न परिवार में उत्पन्न होने के कारण सम्पन्नता आपको विरासत मे मिली । आप स्वभाव से ही सरल एव मृदु थे। आपको जिनेन्द्र भक्ति के प्रति अति अनुराग था । सभाओ मे भक्ति गायन बडी लगन एव उत्साह से बोलने का चाव था। कोमल हदय होने के कारण दुखी असहायो की सदा सेवा करने को तत्पर रहते थे। धार्मिक अनुष्ठानो मे भी आप सदैव दिल खोल कर सहज भाव से दान देते थे। मुलतान मे आपके सयुक्त परिवार का बगीचे के नाम से एक फार्म था जिसमे आपने भवन एव चैत्यालय बनवा रखा था जहां समय-समय पर ब्रह्मचारी-त्यागी गण आदि आकर रहते और लोग धर्म साधन के लिए जाते एव मनोरजन के लिए प्रीतिभोज आदि करते रहते थे। 144 ] • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक में
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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