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________________ श्री गणेशदासजी के पुत्र श्री इन्द्रभानजी श्री गणेशदासजी के प्रथम पत्र धर्मज्ञ एव सहनशील व्यक्ति है। आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती टालोदेवी है। आपके शेखर मात्र एक पत्र एव दोपत्री है व घी लो वा रास्ता जौहरी बाजार में आपका निवास है । व्यवसाय - एम्पीरियल जनरल स्टोर त्रिपोलिया बाजार । श्री पदमकुमारजी आप गणेशदासजी के द्वितीय पत्र शान्ति प्रिय व्यक्ति है। आपकी धर्मपत्नी कान्तादेवी जैन है । आपके अनिलकुमार मात्र एक पत्र है । हल्दियो के रास्ते मे आप रहते है। व्यवसाय-अनिल पलास्टिक इन्डस्ट्रीज ठाकुर पचेवर का रास्ता जयपुर । श्री प्रकाशचन्दजी गणेशदासजी के तृतीय पत्र हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती शशीदेवी है। ___ आपके सदीप एक पत्र एवं एक पत्नी है। आप 141 फ्रान्टियर कालोनी आदर्शनगर मे रहते है। श्री जवाहरलालजी Hi wattalionid जवाहर लालजी श्री गणेशदासजी के चतुर्थ पुत्र है। आप प्रतिभाशाली; वुद्धिजीवी, राजनीतिज्ञ एव सामाजिक कार्यकर्ता है। आपको शिक्षा काल मे ही रजनीति मे प्रवेश का शौक लगा और आप जयपुर शहर युवक कांग्रेस के सदस्य तथा पदाधिकारी रहे । आप उन्ही दिनो साइकिल पर भारत भ्रमण भी किया जहा काफी स्थानो पर आपका स्वागत हआ। शिक्षा के बाद आप अपने व्यवसाय में कार्यरत हुए। साथ ही सामाजिक गतिविधियो एव सगीत कला आदि में भाग लेने लगे । फलस्वरूप आप मशन के उत्साही कार्यकर्ता रहे एवं वर्तमान मे मन्त्री है। महावीर कल्याण केन्द्र की पसमिति के आप सदस्य है और मूलतान दिगम्बर जैन समाज की प्रायः सभी पाधया जलसे दशलक्षणी के कार्यक्रमो, शोभा यात्राओ, भजन मडलियो आदि मे वडे ९ क साथ प्रमुखता से भाग लेकर सफल बनाने मे हमेशा योग देते रहते है। इस तर पसमाज के ज्योतिर्मय होनहार नवयुवक है। आपकी धर्मपत्नी का नाम बीना देवी है यूष मात्र एक पुत्र एव तीन पुत्रिया हैं । आप 141 फ्रान्टियर कालोनी औषधालय समिति के आप सदर आदर्शनगर मे रहते है। व्यवसाय-घनश्यामदास, गणेशदास कटला पुरोहितजी, जयपुर मे आप अपने परिवार के साथ व्यवसाय करते है । [ 141 मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के मालोक में
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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