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________________ marri megwwयक श्री गेलाराम जी सिंगवी श्री नौतनदासजी के पौत्र, श्री जस्सूराम जी के पुत्र श्री गेलारामजी सिंगवी का जन्म डेरागाजीखान मे हुआ था। आप सरल स्वभावी, परोपकारी धर्मज्ञ एव कर्मठ कार्यकर्ता थे। आप धार्मिक कार्यों जैसे कि उत्सव जूलसो आदि के प्रबध मे विशेष रुचि लेते थे। ज्लस आदि निकलवाने तथा उसके लिये सरकार से स्वीकृति आदि लेने मे आपका सर्वाधिक योगदान रहता था । आप श्रावक की दैनिक धार्मिक क्रियाओ मे सदैव तत्पर रहते थे। अपने व्यवसाय मे आप काफी प्रवीण थे इसलिये डेरागाजीखान मे अपने व्यवसाय मे काफी उन्नति को। फलस्वरूप शहर के बडे बडे व्यापारियो मे आपकी गणना होती थी। आपका देहावसान मुलतान नगर पाकिस्तान मे हआ था। श्री दीवानचदजी, श्री निहालचन्द जी, श्री शुभचन्दजी, श्री रतन लाल जी, श्री विसनदास जी तथा श्री देवीदास जी आपके छ पुत्र हैं जिनमे श्री दीवान चद जी, एव श्री शुभचदजी इस समय वर्तमान मे दिल्ली रहते हैं, तथा श्री रतनलालजी कोटा (राजस्थान) में व्यवसायरत हैं एव श्री निहालचन्दजी विसनदासजी व देवीदासजी जयपुर मे ही निवास करते है। श्री निहालचन्द जी सिंगवी श्री निहालचन्द जी का जन्म गेलाराम जी सिंगवी के घर डेरागाजीखान मे हुआ था । स्कूली शिक्षा प्राप्त करके आप अपने व्यवसाय मे लग गये और वहाँ पर आपने कपडे का काम भी अच्छे स्तर पर किया । पाकिस्तान बनने के बाद जयपुर आ गये और यहां अपने भाइयो के साथ व्यवसाय करने लगे । आप सेक्टर नम्बर 7, मकान नम्बर 255 जवाहर नगर जयपुर मे रहते हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती सुमित्रादेवी है । आपके दो पुनिया है। 128 J • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक में
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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