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________________ इस प्रकार यह विशाल एवं नवीनतम डिजाइन का मानस्तंभ (महावीर कीर्ति स्तंभ) केवल आपने ही बहुमूल्य समय देकर निर्माण कराया। पाकिस्तान में सब कुछ खो जाने पर सब लोग यहां अपने पुनर्निमाण में लगे हुए थे । ऐमी विषम संकट की घडी मे जयकुमार अपने व्यवसाय एवम् परिवार के पुनर्स्थापन की परवाह न करते हुए अपने जीवन का वहमूल्य भाग मंदिर निर्माण हेतु, अर्थ संग्रह करने, निर्माण कार्य कराने में जुटे रहे। समय-समय पर होने वाले धार्मिक आयोजनो एवम् सामाजिक गतिविधियों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने मे पूर्ण योगदान देकर मंत्री पद के दायित्व को पूरा करते हुए समाज मे एक आदर्श स्थापित किया है। इसी प्रकार भगवान माहावीर 2500 ; निर्वाण महोत्सव वर्ष के आयोजनो में. सक्रिय योग दान देने के फलस्वरूप आपको भगवान महावीर 2500 वा निवार्ण महोत्सव द्धारा जयपुर संभाग में सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया। धार्मिक कार्यक्षेत्र में सक्रिय योगदान के साथ साथ व्यावसायिक क्षेत्र में भी आपने अपनी कुशाग्र बुद्धि से सर्वागीण सफलता प्राप्त की, जिसका परिणाम है कि चौथूराम जयकुमार जैन जौहरी बाजार, कर्मचद्र प्रेमचंद्र जैन कटला प रोहित जो, महावीर जनरल जनरल स्टोर त्रिपोलिया वाजार जयपर आपके तीन तीन संस्थान चल रहे हैं । व स्टोव पैट्रोमेक्स, गैस लालटेन आदि का राजस्थान मे आपका एकाधिकृत व्यवसाय है। व्यावसायिक क्षेत्र में आप राजस्थान व्यापार उद्योग मण्डल में कार्यकारिणी के सदस्य, देवस्थान किरायेदार सघ राजस्थान के अध्यक्ष आदि अनेक सस्थाओ के आप सत्रिय कार्यकर्ता हैं। ___ आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती कृष्णा देवी हैं। सुरेश कुमार एवं रमेश कुमार आपके दो पत्र हैं, जो आपके भाइयो के साथ उपरोक्त सस्थानो को सुचारु रूप से चला रहे हैं आपका निवास स्थान-जे-238 प्रेम निवास, आचार्य कृपलानी मार्ग, आदर्शनगर, जयप र-4 मे हैं। 106 ] • मुलतान दिगम्बर जैन समाज-इतिहास के आलोक मे
SR No.010423
Book TitleMultan Digambar Jain Samaj Itihas ke Alok me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMultan Digambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages257
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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