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________________ ५८ ३३२ mr mm ३३४ सूत्र नम्बर विषय पत्र संख्या . म्लेच्छ ३७ कर्म भूमिका वर्णन ३३२ ३८ मनुष्योंकी उत्कृष्ट तथा जघन्य आयु ३६ तिर्यचोंकी आयु स्थिति क्षेत्रके नापका कोष्टक • उत्तरकुरु, देवकुरु, लवणसमुद्र, धातकी द्वीप, कालोदधिसमुद्र, . पुष्करद्वीप, नरलोक, दूसरे द्वीप, समुद्र, कर्मभूमि-भोगभूमि और कर्मभूमि जैसा क्षेत्र ३३७ चतुर्थ अध्याय · भूमिका ३३७ १. देवोंके भेद ३४० २ भवनत्रिक देवोंमें लेश्याका विभाग ३४१ • ३ चार निकायके देवोंके प्रभेद ३४१ ४. चार प्रकारके देवोंके सामान्य भेद ३४२ -५ व्यन्तर, ज्योतिषी देवोंमें इन्द्र आदि भेदोंकी विशेषता ३४३ ६ देवोंमें इन्द्रोंकी व्यवस्था ३४३ ७८, ६, देवोंका काम सेवन सम्बन्धी वर्णन ३४४-३४५ १० भवनवासी देवोंके भेद ३४७ ११ व्यन्तर देवोंके पाठ भेद १२ ज्योतिषी देवोंके पॉच भेद ३५० १३ ज्योतिषी देवोंके विशेष वर्णन ३५१ १४ उससे होनेवाला काल विभाग ३५१ १५ अढ़ाई द्वीपके बाहर ज्योतिषी देव १६ वैमानिक देवोंका वर्णन १७ वैमानिक देवोंके भेद ३५२ १८ कल्पोंकी स्थितिका क्रम ३५३ ३४६ ३५१ ३५२
SR No.010422
Book TitleMoksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRam Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages893
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size35 MB
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