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________________ ५७ विषये सूत्र नम्बर १५' प्रथम सरोवर की लम्बाई-चौड़ाई १६ प्रथम सरोवर की गहराई १७ उसके मध्य में क्या है ? १८ महापद्मादि सरोवरों तथा उनमें कमलों का प्रमाण हुँदाका विस्तार आदि छह कमलोंमें रहनेवाली छह देवियाँ १६ २० चौदहं महा नदियों के नाम २१-२२ नदियोंके बहनेका क्रम २३ इन चौदह महा नदियोंकी सहायक नदियाँ २४. भरत क्षेत्रका विस्तार २५ आगेके क्षेत्र और पर्वतोंका विस्तार २६ विदेह क्षेत्रके आगेके पर्वत क्षेत्रोंका विस्तार २७ भरत और ऐरावत क्षेत्र में कालचक्रका परिवर्तन भरत - ऐरावत के मनुष्योंकी आयु तथा ऊँचाई तथा मनुष्यों का आहार २८ अन्य भूमियोंकी काल व्यवस्था २६ हैमवतक इत्यादि क्षेत्रों में आयु ३० हैरण्यवतकादि क्षेत्रों में आयु ३१ विदेह क्षेत्र में आयुकी व्यवस्था ३२ भरत क्षेत्रका विस्तार दूसरी तरहसे ३३ धातकी खण्डका वर्णन ३४ पुष्करार्ध द्वीपका वर्णन ३५ मनुष्य क्षेत्र, ३६ - मनुष्यों के भेद ( आर्य-म्लेच्छ ) ऋद्धिप्राप्त आर्यकी आठ प्रकारकी तथा अनेक प्रकारकी रूढ़ियों का वर्णन こ 'अनऋद्धि प्राप्त आर्य पत्र संख्या ३११ ३१५ ३११ ३१२ ३१२ ३१३ ३१३ ३१४ ३१४ ३१५ ३१५ ३१६ ३१७ ३१६ ३१८ ३१६ ३१६ ३१६ ३२० ३२० ३२० ३२१ રં ३२२ से ३३० ३३०
SR No.010422
Book TitleMoksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRam Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages893
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size35 MB
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