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________________ अध्याय १ परिशिष्ट ३ १८१ मतिज्ञान शमादि विषयोंमें प्रवृत्ति कर रहा था उसे, और मनके अवलंबन से जो ७ तज्ञान अनेक प्रकारके नयपक्षोंके विकल्पोंमें उलझ रहा था उसेअर्थात् परावलंबनसे प्रवर्तमान मतिज्ञान और श्रु तज्ञानको मर्यादामें लाकर -अंतरस्वभाव संमुख करके, उन ज्ञानोंके द्वारा एक ज्ञानस्वभावको पकड़कर ( लक्षमें लेकर ) निर्विकल्प होकर, तत्काल निज रससे ही प्रगट होनेवाले शुद्धात्माका अनुभव करना चाहिए; वह अनुभव ही सम्यग्दर्शन और सम्यरज्ञान है। इसप्रकार अनुभवमें आनेवाला शुद्धात्मा कैसा है ? शुद्धात्मा आदि मध्य और अन्त रहित त्रिकाल एकरूप पूर्ण ज्ञानधन है; उसमे बंध-मोक्ष नहीं है, वह अनाकुलता स्वरूप है, 'मैं शुद्ध हूँ या अशुद्ध हूँ ऐसे विकल्पोंसे होनेवाली आकुलतासे रहित है। लक्षमेंसे पुण्य-पापका आश्रय छूटकर मात्र प्रात्मा ही अनुभवरूप है । केवल एक ज्ञानमात्र प्रात्मा में पुण्य-पापके कोई भाव नही हैं। मानो सम्पूर्ण विश्वके ऊपर तैर रहा हो अर्थात् समस्त विभावोंसे पृथक् हो गया हो ऐसा चैतन्य स्वभाव पृथक् अखंड प्रतिभासमय अनुभवमे आता है । आत्माका स्वभाव पुण्य-पापके ऊपर तैरता है, अर्थात् उनमे मिल नहीं जाता, एकमेक नहीं हो जाता या तदुरूप नही हो जाता, किन्तु उनसे अलगका अलग रहता है । वह अनन्त है, अर्थात् उसके स्वभावका कभी अन्त नही है' पुण्य-पाप अन्तवाले हैं, और ज्ञानस्वरूप अनंत है तथा विज्ञानधन है। मात्र ज्ञानका ही पिण्ड है मात्र ज्ञान पिण्डमें राग-द्वेष किंचित् मात्र भी नही है । अज्ञानभावसे रागादिका कर्ता था किन्तु स्वभावभावसे रागका कर्ता नही है । अखंड मात्मस्वभावका अनुभव होने पर जो जो अस्थिरताके विभाव थे उन सबसे पृथक् होकर जब यह आत्मा, विज्ञानधन अर्थात् जिसमे कोई विकल्प प्रवेश नही कर सकते ऐसे ज्ञानके निविड़ पिण्डरूप परमात्म स्वरूप आत्माका अनुभव करता है तब वह स्वय ही सम्यग्दर्शन स्वरूप है। निश्चय और व्यवहार इसमे निश्चय और व्यवहार दोनो आ जाते हैं। प्रखंड विज्ञानघनस्वरूप ज्ञानस्वभाव प्रात्मा निश्चय है और परिणतिको स्वभाव समुख करना
SR No.010422
Book TitleMoksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRam Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages893
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size35 MB
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