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________________ १८० मोक्षशास्त्र में लाकर स्वात्माभिमुख करना सो आंतरिक अनुभवका पंथ है, सहज शीतल स्वरूप अनाकुल स्वभावकी छायामें प्रवेश करनेकी पहिली सीढ़ी है। प्रथम, आत्मा ज्ञान स्वभाव है ऐसा भलीभांति निश्चय करके फिर प्रगट अनुभव करनेके लिये परकी ओर जानेवाले भाव जो मति और श्रुतज्ञान हैं उन्हें अपनी ओर एकाग्र करना चाहिए । जो ज्ञान पर में विकल्प करके रुक जाता है अथवा मैं ज्ञान हूं व मेरे ज्ञानादि हैं ऐसे विकल्पमें रुक जाता है उसी ज्ञानको वहाँसे हटाकर स्वभावकी ओर लाना चाहिए। मति और श्रु तज्ञानके जो भाव हैं वे तो ज्ञानमें ही रहते हैं, किंतु पहिले वे भाव परकी ओर जाते थे, अब उन्हें आत्मोन्मुख करने पर स्वभावका लक्ष होता है । आत्माके स्वभावमें एकाग्र होनेको यह क्रमिक सीढ़ी है। ज्ञानमें भव नहीं है जिसने मनके अवलंबनसे प्रवर्तमान ज्ञानको मनसे छुड़ाकर अपनी भोर किया है अर्थात् पर पदार्थ की ओर जाते हुए मतिज्ञानको मर्यादा में लाकर आत्म संमुख किया है उसके ज्ञानमें अनंत संसारका नास्तिभाव और पूर्ण ज्ञानस्वभावका अस्ति भाव है। ऐसी समझ और ऐसा ज्ञान करने में अनंत पुरुषार्थ है। स्वभावमें भव नही है इसलिये जिसका स्वभावकी ओर का पुरुषार्थ उदित हुआ है, उसे भवकी शंका नही रहती। जहाँ भवकी शंका है वहाँ सच्चा ज्ञान नही है, और जहाँ सच्चा ज्ञान है वहाँ भवकी शंका नही है । इस प्रकार ज्ञान और भवकी एक दूसरेमें नास्ति है। पुरुषार्थके द्वारा सत्समागमसे अकेले ज्ञान स्वभाव आत्माका निर्णय करनेके वाद 'मैं प्रबंध हूँ या बंधवान; शुद्ध हूँ या अशुद्ध हूँ, त्रिकाल हूँ या क्षणिक हूँ,' ऐसे जो वृत्तियां उठती हैं उनमें भी आत्म-शांति नही है, वे वृत्तियाँ आकुलतामय-प्रात्म शांतिको विरोधिनी हैं। नयपक्षोंके अवलंवनसे होनेवाले मन संबंधी अनेक प्रकारके विकल्पोंको भी मयार्दामें लाकर अर्थात् उन विकल्पोंको रोकनेके पुरुषार्थसे श्रुतज्ञानको भी आत्म सन्मुख करने पर शुद्धात्माका अनुभव होता है । इसप्रकार मति और श्र तज्ञानको आत्मसन्मुख करना ही सम्यग्दर्शन है । इन्द्रिय और मनके अवलम्बनसे जो
SR No.010422
Book TitleMoksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRam Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages893
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size35 MB
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