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________________ १०. ८. चन्द्रप्रभ : आठवां तीर्थङ्कर श्री चन्द्रप्रभ रो लांछरण चन्द्रमा है । आपरो जनम चन्द्रपुरी में हुयौ । आप पिता रो नाम राजा महासेन अर माता रो राणी सुलक्षरणा हो । श्राप घोर तपस्या कर र सम्मेद • सिखर स निर्वाण प्राप्त करियो । ६. सुविधिनाथ : नौवां तीर्थङ्कर श्री सुविधानाथ हुया । आपरो बीजो नाम पुष्पदंत परण हो । आपरो लांछरण मगर है । आपरे पितारो नाम राजा सुग्रीव र माता रो नाम वामादेवी हो । आपरो जनम काकंदी नगरी में हुयो अर निर्वारण सम्मेदसिखर पर । सिन्धुघाटी सभ्यता रो श्रो उत्कर्ष काळ हो । उरण काळ में मगर प्रतीक री घरणी मानता ही । इणीज कारण उरण देस रो नाम मकरदेस प्रसिद्ध हुयो । इ सूठा पड़ के तीर्थङ्कर पुष्पदत री श्रठे घरणी मानता पर प्रसिद्धि ही । १०. सीतलनाथ : दसमा तीर्थंकर श्री सीतलनाथ हुया । इणांरो लांछ श्रीवत्स है | आप पिता रो नाम महाराज दृढरथ पर माता रो नन्दादेवी हो । आपरो जनम भद्दिलपुर में हुयो र निर्धारण सम्मेद - सिखर पर । ११. श्रेयांसनाथ : ग्यारमा तीर्थंकर श्री श्र ेयांसनाथ हुया । इणांरो लांछा गैंडो अर वंस इक्ष्वाकु हो । इरणांरो जनम सिहपुरी नगरी में हुयो | आपरे पिता रो नाम महाराज विष्णु र माता रो महाराणा विष्णुदेवी हो । आपरे समं मे पैदनपुर में राजा त्रिपृष्ठ हुयो जो, नो वासुदेवां में
SR No.010416
Book TitleMahavira ri Olkhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansraj Baccharaj Nahta
PublisherAnupam Prakashan
Publication Year
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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