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________________ । २७५ ] आदि उपन्यासों की मासिक पुस्तकें थीं । इनके अतिरिक्त 'स्वदेशवान्धव', 'गढवाली', 'भास्कर', ब्राह्माणसर्वस्व' 'औदुम्बर', 'साहित्यपत्रिका', 'चैतम्यचन्द्रिका, आत्मविया, 'आर्यावर्त्त', 'मारवाड़ी', 'विहारपत्रिका', 'प्रेम' 'कानपुरगज़ट', 'जैनतत्वप्रकाश', 'नागरी प्रचारक', 'देहाती जीवन', 'धर्मकुमुमाकर', 'भूमिहार ब्राह्मणपत्रिका', 'जैनसिद्धाताभास्कर' आदि भी प्रकाश से थे । १६१७, १८ ई० में हिन्दी साहित्य-सम्मेलन- कार्यालय में पत्र-पत्रिकाएँ श्राती थी । सम्मेलन के पंचदश अधिवेशन के अवसर पर आयोजित प्रदर्शिनी में निम्नाकित पत्र वस्तुतथेः-१ दैनिक १. श्राज カ ३ अजुन १. प्रसवीर नारपुर * तरुण राजस्थान ३. श्रार्य जगत ५. रंगीला ७ प्रेम ६. अग्रसर ११. कर्तव्य १३ हिन्दी केसरी १५ महिला सुधार १७. गरीब १६ तिरहुत समाचार २१. मारवाडी ब्राह्मण २३. सिन्धु समाचार २५ देश २७. शंकर ร काशी देहली अ सताहिक २. स्वतंत्र ४. कलकत्ता समाचार साप्ताहिक २. ४. मारवाड़ी नयाधान ६. मतबाला 5. मौजी अजमेर लाहौर हिन्दी राजस्थान वृन्दावन कलकता ६०. इटावा १२ उदय बनारस १४. शक्ति कानपुर १६. श्रमिक बिजनौर १८. स्वदेश गढवाली दादून पश हिन्दी-साहित्य समेलन का काय विवरण जैनमित्र मुजफ्फरपुर २०, महाबीर कलकत्ता २२. सूर्य शिकारपुर २४ कैलाश पटना २६. भविष्य मुरादाबाद २८. हिन्दू सम्बन्ध सहायक पाक्षिक कलकता देहली नागपुर कलकत्ता कलकत्ता सूरत सागर अल्मोडा कलकत्ता गोरखपुर दरद्वार काशी मुरादाबाद कानपुर सहारनपुर
SR No.010414
Book TitleMahavira Prasad Dwivedi aur Unka Yuga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaybhanu Sinh
PublisherLakhnou Vishva Vidyalaya
Publication Year
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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