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________________ म पैदा हुए" सक्वन क शाम मोहिनी सी रम भरी लोग मार कर घाड़े पर चढ़ दुसरी को (ऊर रत्न के प्रति ) दूसरे को वहाँ न देखी श्री ...म ये पदा हुए इकठ्ठा करके इनमें एक मोहनी शक्ति सी रम से गरो हुई लोग उन्हें मार कर FA मूल अक्षुराण यशः शरीर यद्यपि किन्तु वह घोड़े पर चढ़कर वहा मैने न देखी थी काशीप्रमाद संशोधित रूप अक्षय्य यशः शरीर यद्यपि तथापि " " सूर्यनारायन दीक्षित मिश्रबन्धु कथन सुन कथन सुनकर द में मानवहृदय पर किसका मानव हृदयपरदान से किसका रामचन्द्र शुक्ल " लाला पार्वतीनन्दन सत्यदेव योग्यता सम्बन्धी संशोधन लेखक काशीप्रसाद एफ० एस० ग्राउस " ވ "" टिड्डीदल चन्द्रहास का उपाख्यान एक के दो दो आश्चर्यजनक घटी न्याय और दया कविता क्या है रचना एफ० एस० ग्राउस *F 1 १ 달콤 १५. १५ १६०६ 健 "D 23 " " 53 १६० כ$ १६०६ | सन् १६०६ " [ २३५
SR No.010414
Book TitleMahavira Prasad Dwivedi aur Unka Yuga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaybhanu Sinh
PublisherLakhnou Vishva Vidyalaya
Publication Year
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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