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________________ घणनामक २५५ व्पग्यामक २५६ २५८ २५६ मूर्तिमत्तात्मक वक्ततात्मक मंलापात्मक विवेचनात्मक २६० २६१ २६२ भावात्मक ७. द्विवेदी जी की शैली की विशिष्टता २६२ २६८ नवां अध्याय - युग और व्यक्तित्व ( २६४-३६५) १. श्राधुनिक हिन्दी-साहित्य का कालविभाग २६४ प्रस्तावना-युग २६४, भारतेन्दु-युग २६५, अराजकता-युग २६५, द्विवेदी-युग २६५, वाद-युग २६७, वर्तमान-युग २६७ २. श्राधुनिक हिन्दी-साहित्य की मुख्य विशिष्टताएं २६८ ३. द्विवेदी युग के पूर्वाद्ध का साधारण साहित्य ४. द्विवेदी-युग में हिन्दी-प्रचार-- २६६ काशी-नागरी-प्रचारिणी सभा और अन्य संस्थाएं २६६, प्रेसो का कार्य २७१, शिक्षासस्थानों का कार्य २७२, विदेशो में हिन्दी-प्रचार २७२, पत्रपत्रिकाएं २७३ ५ द्विवेदी-युग की कविताक. युगनिर्माता द्विवेदी द्वारा युगपरिवर्तन की सूचना २७६ ख. काव्यविधान-- प्रबन्ध काव्य २८.. मुक्तक २८०, प्रबन्धमुक्तक २८१, गीत या गीति २८१, गद्यकाव्य २८१ ग छन्द घ. भाषा दु विषय चित्र २६४, धर्म २६४, समाज २६६, राजनीति २६६, प्रकृति ३०२, प्रेम ३०४, अन्य विषय ३.५ च दिवेदीयग के चार चरण २७६ २७६ २८५ २८८ २६४
SR No.010414
Book TitleMahavira Prasad Dwivedi aur Unka Yuga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaybhanu Sinh
PublisherLakhnou Vishva Vidyalaya
Publication Year
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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