SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 239
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ । अन्तस्तल [२०९ - ५. प्रश्न- मुझे कुछ तत्वज्ञान सम्बन्धी शंकाएँ हैं कुछ अन्य शंकाएँ भी हैं। क्या, योगी उनका समाधान करेंगे ? योगी थाखिर जानते कितना हैं ? उत्तर-तत्वज्ञान सम्बन्धी शंकाओं का तो जरूर समाधान करेंगे क्योंकि इस दृष्टि से वे सर्वज्ञ है । वाकी सद शंकाओं का चे समाधान करेंगे कि नहीं, कह नहीं सकते । क्योंकि इस दृष्टि से झुनके ज्ञान की सीमा कही नहीं जासकती। (अस्ति अबक्तव्य) ६प्रश्न- क्या योगी संसार के सब विषयों के सब प्रश्नों का समाधाल कर सकते है ? योगी कितना जानते होंगे? अत्तर-सब विपयों के सब प्रश्नों का समाधान वे नहीं कर सकते, यद्यपि वे काफी जानते हैं पर कितना जानते हैं कह नहीं सकते । (नास्ति अवक्तव्य ) __ ७ प्रश्न- कुछ तो मेरी तत्वज्ञान सम्बन्धी शंकाएँ हैं और कुछ ऐसी हैं जिनका आत्मकल्याण के या तत्व के ज्ञान से कोई मतलब नहीं, क्या उन सब का समाधान योगी करेंगे ? योगी का सारा ज्ञान आखिर है कितना ? अत्तर-तत्वज्ञान सम्बन्धी सव शकाओंका समाधान वे करेंगे क्योंकि इस दृष्टि से वे सर्वज्ञ हैं, पर अतत्वज्ञान सम्बन्धी सब शंकाओं का समाधान नहीं कर सकते । क्योंकि इस दृष्टि से सर्वज नहीं हैं। सब मिलाकर कितनी शंकाओं का समाधान करेंगे-कह नहीं सकते क्योंकि साधारणतः उनके जान की सीमा बताना अशक्य है । ( अस्ति नास्ति अवक्तव्य) . मूलभंग तो तीन ही हैं पर तीन के सात भंग बनाने से प्रश्नों का उत्तर हर तरह से दिया जासकता है और उसमें काफी स्पष्टता है । त्रिभंगी या सप्तभंगी के द्वारा ही प्रत्येक विषय .. का खुलासा किया जासकता है। हिंसा अहिंसा आदे संयम के
SR No.010410
Book TitleMahavira ka Antsthal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyabhakta Swami
PublisherSatyashram Vardha
Publication Year1943
Total Pages387
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy