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________________ किया कि गर्भ में ही मेरा हलन-चलन बन्द होने से ही माता को अपार दुःख हुआ तो जन्म के बाद मेरे प्रति कितना स्नेह-प्रेम होगा? ३० म. स्वामी को गर्भ में आते ही कितने ज्ञान थे? तीन । ३१ म. स्वामी को गर्भ में कौन-कौन से ज्ञान थे ? (१) मति ज्ञान (२) श्रु त ज्ञान (३) अवधि ज्ञान . ३२. म. स्वामी पूर्व जन्म से साथ कितना श्रुतज्ञान .. लाये थे? . ११ अंग-आगम शास्त्र जितना । हे जीव ! भगवान महावीर स्वामी द्वारा निर्देशित सर्व सुखदायक अहिंसामय पथ को स्वीकार कर । इस मार्ग द्वारा ही तू संसार रूपी दुखद अटवी को पार कर उन्नत, अक्षय, सुख के निवास मोक्ष नगर को पहुंच सकेगा। जिसने एक बार इस तथ्य को जान लिया : ना कभी भी प्रमाद में नहीं गिरेगा!
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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